Thursday, August 21, 2025

200 Thousand Billion FDI Investment opportunity, NGT वर्षा का जल (संरक्षण )संचयन -Unique 16 digital identification to underground water harvesting line.

Supervisory Control and Data Acquisition (SCADA) as part of the water supply and sewerage projects.
 
 
Around 134 lakh water tap connections and 102 lakh sewer/ septage connections provided under AMRUT

 NGT वर्षा का जल (संरक्षण )संचयन सारे इंतजाम धराशायी unique 16 digit identification to underground rain water harvesting line access the road by municipal corporation

 

5 Lakh Carors FDI Investment opportunity, Unique 16 digital identification to underground water harvesting line.

ये मिलेनियम सिटी गुरुग्राम गुड़गांव है। गटर व्यवस्था , रेन वाटर storing व्यवस्था एकदम खराब है। up में है दम हरयाणा नही किसी से कम corruption में सबसे आगे। स्किल ओर सोच आइडियाज की सर्वाधिक कमी हरयाणा में। @cmohry @RSSorg @narendramodi @PMOIndia @nitin_gadkari @aajtak @PIB_India https://t.co/netRVQTQIw



2022 All over India underground water harvesting line

. Revenue Generation Scope for Municipal Corporation/State Government/Central Government / Ministry Approximate 100000+ cr. in Years







Solution:

water line नालिया ओपन है नालियो को पाइप डाल अंडरग्राउंड कर बीच बीच मे चैम्बर पूरे शहर में बना शहर को स्वच्छ व स्मार्ट सिटी में बनने में योगदान करे। मच्छर व बीमारियो मुक्त बनाए, नालियो पर बना अतिक्रमण अलग करे। नालियो को पाइप डाल अंडरग्राउंड कर रोड के चौड़ी कारण में योगदान दे जिससे यातायात सुधार हो।
89 inch dia Underground water harvesting line









ये मिलेनियम सिटी गुरुग्राम गुड़गांव है। गटर व्यवस्था , रेन वाटर storing व्यवस्था एकदम खराब है। up में है दम हरयाणा नही किसी से कम corruption में सबसे आगे। स्किल ओर सोच आइडियाज की सर्वाधिक कमी हरयाणा में।




























Underground Water Pipe line-हर घर जल

Harvesting System की marking जरूरी colonies मे

हर घर जल -Revenue Generation Scope for Municipal Corporation/State Government/Central Government / Ministry Approximate 100000+ cr. in Years

CSR activity in Water Conservation 



2nd National Water Awards

Water Warrior Award

Adopting innovative practices of ground water augmentation by rainwater harvesting and artificial recharge, promoting water use efficiency, recycling & re-use of water.

Adopt holistic approach towards water resources management in the country.

Unique 16 digit identification to underground rain water harvesting line access the road by municipal corporation


ग्रीन ट्रिब्यूनल NGT 
वर्षा का जल संरक्षित करने के लिए बड़े पैमाने पर कवायत।
भू जल प्रदूषण के आरोप 
जल संचयन उपकरण 
Water is one of the vital components of life. The rapid pace of irrigation growth, urbanization & industrialization has put enormous stress on water resources. Cumulative impact of increase in use of this precious natural resource has led to water scarcity in many regions of the country. Nevertheless, the climate change has also resulted in change in hydrologic cycle in the country. Hence, it is necessary that this scarce resource is protected by effective and efficient management on sound scientific methodology for its sustainable development.

innovative practices of ground water augmentation by rainwater harvesting
and artificial recharge, promoting water use efficiency, recycling & re-use of water and creating awareness through people's participation in the targeted areas resulting into the sustainability of ground water resources development, adequate capacity building


 

जलपूर्ति योजना या जलप्रदाय योजना किसी क्षेत्र में पानी की आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई एक व्यापक परियोजना होती है। यह योजना आम तौर पर उन क्षेत्रों में लागू की जाती है जहां पानी की कमी होती है या जहां स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता एक बड़ी समस्या है। जलपूर्ति योजनाओं का उद्देश्य पानी को एक जगह से दूसरी जगह स्थानांतरित करके स्थानीय समुदायों, कृषि क्षेत्रों, और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध कराना होता है।

 

 प्रस्तावना:

भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां की अधिकतर जनसंख्या कृषि पर निर्भर करती है। इस स्थिति में जल की आपूर्ति की अनियमितता और कमी देश की समृद्धि और विकास में बड़ी बाधा बन सकती है। जलपूर्ति योजना का मुख्य उद्देश्य सभी क्षेत्रों को पानी की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करना और जल से संबंधित समस्याओं का स्थायी समाधान प्रदान करना है।

 

 1. जलपूर्ति योजना की आवश्यकता

जल मानव जीवन का एक अविभाज्य हिस्सा है। यह केवल पीने और दैनिक उपयोग के लिए आवश्यक है, बल्कि कृषि, उद्योग, और अन्य आर्थिक गतिविधियों के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। लेकिन भारत जैसे विकासशील देश में, जहाँ जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है, जल की मांग और आपूर्ति के बीच का अंतर लगातार बढ़ता जा रहा है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जल आपूर्ति की कठिनाइयों के कारण कृषि और उद्योगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अतः जलपूर्ति योजनाओं की आवश्यकता केवल जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए है, बल्कि आर्थिक और सामाजिक विकास को भी प्रोत्साहित करने के लिए है।

 

 1.1 पेयजल की कमी

भारत के कई हिस्सों में पेयजल की भारी कमी है। विशेषकर ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में, लोगों को पीने के पानी के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। जलपूर्ति योजना का एक प्रमुख उद्देश्य इन क्षेत्रों में स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।

 

 1.2 कृषि में जल की आवश्यकता

भारत की अधिकतर कृषि मानसून पर निर्भर है। मानसून की अनिश्चितता के कारण किसान फसल की सिंचाई के लिए जल की कमी का सामना करते हैं। जलपूर्ति योजना किसानों को सिंचाई के लिए जल की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद कर सकती है, जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि हो सकती है।

 

 1.3 उद्योगों में जल की मांग

औद्योगिक विकास के लिए भी जल की आवश्यकता होती है। विशेषकर बिजली उत्पादन, विनिर्माण, और खाद्य प्रसंस्करण जैसे उद्योगों में जल का महत्वपूर्ण योगदान होता है। जलपूर्ति योजना उद्योगों को उनकी जल की आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायता करती है।

 

 2. जलपूर्ति योजना की संरचना

जलपूर्ति योजना के तहत, जल स्रोतों की पहचान की जाती है, जल संचयन की प्रणाली विकसित की जाती है, और जल को विभिन्न स्थानों तक पहुंचाने के लिए पाइपलाइनों और जल वितरण प्रणालियों का निर्माण किया जाता है।

 

 2.1 जल स्रोतों की पहचान

जलपूर्ति योजना की शुरुआत जल स्रोतों की पहचान से होती है। जल स्रोतों में नदियाँ, झीलें, बांध, भूजल, और वर्षा जल शामिल होते हैं। योजना के अनुसार, जल स्रोतों से जल को संग्रहित किया जाता है और इसे शुद्ध करके उपभोक्ताओं तक पहुँचाया जाता है।

 

 2.2 जल संचयन प्रणाली

विभिन्न जल स्रोतों से जल को संग्रहित करने के लिए जल संचयन प्रणालियाँ स्थापित की जाती हैं। इनमें जलाशय, बांध, तालाब, और भूमिगत जल संचयन प्रणाली शामिल होती हैं। इन प्रणालियों के माध्यम से वर्षा जल का संचयन करके उसे जल आपूर्ति के लिए उपयोग किया जाता है।

 

 2.3 जल शोधन प्रणाली

जलपूर्ति योजना के तहत जल को शुद्ध करना भी आवश्यक होता है। जल स्रोत से प्राप्त जल में कई प्रकार के हानिकारक पदार्थ, जैसे कि जीवाणु, वायरस, धूल, और रासायनिक तत्व होते हैं। जल शोधन प्रणाली इन हानिकारक तत्वों को हटाकर जल को पीने और उपयोग के लिए उपयुक्त बनाती है।

 

 2.4 जल वितरण प्रणाली

जल शोधन के बाद जल को उपभोक्ताओं तक पहुँचाने के लिए जल वितरण प्रणाली की आवश्यकता होती है। इसमें पाइपलाइन, पंप स्टेशन, और जल टावर जैसी संरचनाएँ शामिल होती हैं। जल वितरण प्रणाली के माध्यम से जल को घरों, खेतों, और उद्योगों तक पहुँचाया जाता है।

 

 3. जलपूर्ति योजना के लाभ

जलपूर्ति योजना से कई महत्वपूर्ण लाभ होते हैं, जो केवल जल की उपलब्धता सुनिश्चित करते हैं बल्कि आर्थिक और सामाजिक विकास में भी योगदान देते हैं।

 

 3.1 स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता

जलपूर्ति योजना के तहत स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाती है, जिससे जल जनित बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लोग आसानी से पीने योग्य पानी प्राप्त कर सकते हैं।

 

 3.2 कृषि उत्पादन में वृद्धि

किसानों को फसल की सिंचाई के लिए जल की उपलब्धता सुनिश्चित होने से कृषि उत्पादन में वृद्धि होती है। इससे केवल किसानों की आय में सुधार होता है, बल्कि खाद्य सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है।

 

 3.3 औद्योगिक विकास

जलपूर्ति योजना उद्योगों को उनकी जल की मांग पूरी करने में मदद करती है। इससे उद्योगों का उत्पादन बढ़ता है और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होते हैं।

 

 3.4 पर्यावरण संरक्षण

जल संचयन और शोधन प्रणालियों के माध्यम से जल के अपव्यय को रोका जाता है और वर्षा जल का संचयन करके जल की बर्बादी को कम किया जाता है। इससे पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है।

 

 4. जलपूर्ति योजना के चुनौतियाँ

हालांकि जलपूर्ति योजना से कई लाभ होते हैं, लेकिन इसके सफल कार्यान्वयन में कुछ चुनौतियाँ भी हैं।

 

 4.1 वित्तीय संसाधनों की कमी

जलपूर्ति योजनाओं के निर्माण और रखरखाव के लिए बड़े वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता होती है। विशेषकर विकासशील देशों में, जहाँ वित्तीय संसाधन सीमित होते हैं, जलपूर्ति योजना को लागू करने में कठिनाइयाँ होती हैं।

 

 4.2 तकनीकी समस्याएँ

जल संचयन, शोधन, और वितरण प्रणाली के निर्माण में कई तकनीकी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। जैसे पाइपलाइनों की लीक, पंप स्टेशनों की विफलता, और जल शोधन प्रणाली में तकनीकी खराबियाँ।

 

 4.3 जल स्रोतों की अस्थिरता

जल स्रोतों की अस्थिरता भी जलपूर्ति योजना के सफल कार्यान्वयन में एक बड़ी चुनौती है। विशेषकर मानसून आधारित जल स्रोतों में जल की उपलब्धता मौसम के अनुसार बदलती रहती है।

 

 5. जलपूर्ति योजना के सफल उदाहरण

भारत और दुनिया भर में कई स्थानों पर जलपूर्ति योजना के सफल उदाहरण मिलते हैं।

 

 5.1 गुजरात की जलपूर्ति योजना

गुजरात राज्य में जल की कमी की समस्या को हल करने के लिए कई जलपूर्ति योजनाएँ लागू की गई हैं। इनमें नर्मदा नदी से जल की आपूर्ति की योजना और गुजरात के सूखाग्रस्त क्षेत्रों में जल संचयन प्रणालियों का निर्माण शामिल है। इन योजनाओं ने राज्य में कृषि उत्पादन और औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित किया है।

 

 5.2 राजस्थान की जल संचयन योजना

राजस्थान में जल की कमी को देखते हुए जल संचयन की कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं। इनमें कुंड, तालाब, और बावड़ी जैसी पारंपरिक जल संचयन प्रणालियों का पुनरुद्धार किया गया है, जिससे राज्य में जल की कमी को कम करने में मदद मिली है।

 

 6. भविष्य की दिशा

जलपूर्ति योजना की सफलता के लिए सरकार, स्थानीय निकायों, और समुदायों के बीच समन्वय आवश्यक है। इसके अलावा, जल संचयन, शोधन, और वितरण प्रणालियों में नई तकनीकों का उपयोग किया जाना चाहिए ताकि जल की आपूर्ति को और अधिक प्रभावी और टिकाऊ बनाया जा सके।

 6.1 सामुदायिक सहभागिता का महत्व

जलपूर्ति योजना की सफलता में सामुदायिक सहभागिता एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जल की स्थिर और समुचित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय समुदायों की जागरूकता और सहयोग आवश्यक है। जब स्थानीय लोग जल संचयन और संरक्षण के महत्व को समझते हैं, तो वे योजना के रखरखाव और संचालन में अधिक सक्रिय भागीदारी करते हैं। इसके तहत, समुदाय स्तर पर निम्नलिखित गतिविधियों पर जोर दिया जा सकता है:

 

 6.1.1 जल संरक्षण के प्रति जागरूकता

समुदायों में जल के महत्व और इसके अपव्यय से बचने के तरीकों पर जागरूकता अभियान चलाए जा सकते हैं। जल संसाधनों की सीमितता को समझना और पानी के समझदार उपयोग को प्रोत्साहित करना जलपूर्ति योजना के दीर्घकालिक लाभों को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।

 

 6.1.2 स्थानीय जल संचयन तकनीकों का प्रयोग

पारंपरिक जल संचयन तकनीकों का पुनरुद्धार और उनका समुचित उपयोग जलपूर्ति योजना के तहत किया जा सकता है। कुंड, टांका, और बावड़ी जैसी पारंपरिक प्रणालियाँ राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में बेहद प्रभावी साबित हुई हैं। इनके माध्यम से वर्षा जल को संग्रहीत किया जा सकता है और शुष्क मौसम में इसका उपयोग किया जा सकता है।

 

 6.1.3 स्वच्छता और स्वास्थ्य के लिए पानी का उपयोग

स्वच्छ जल की उपलब्धता से केवल जल जनित बीमारियों की रोकथाम हो सकती है, बल्कि इससे समुदाय के स्वास्थ्य मानकों में भी सुधार होता है। जलपूर्ति योजना के अंतर्गत स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता अभियानों को भी शामिल किया जाना चाहिए, ताकि पानी के सही उपयोग से लोगों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सके।

 

 6.2 जलपूर्ति योजना में तकनीकी नवाचारों का महत्व

जलप्रदाय योजनाओं की दीर्घकालिक सफलता के लिए आधुनिक तकनीकों का समावेश करना आवश्यक है। इससे जल आपूर्ति प्रणालियों की दक्षता बढ़ती है और लागत में कमी आती है। वर्तमान समय में निम्नलिखित तकनीकी नवाचार जलपूर्ति योजना को सशक्त बना सकते हैं:

 

 6.2.1 स्मार्ट जल नेटवर्क

स्मार्ट जल नेटवर्क एक आधुनिक तकनीक है, जिसमें जल आपूर्ति और वितरण की निगरानी और नियंत्रण के लिए सेंसर, मीटर, और अन्य स्मार्ट डिवाइसों का उपयोग किया जाता है। इन उपकरणों के माध्यम से जल आपूर्ति की सटीक जानकारी प्राप्त की जा सकती है और किसी भी प्रकार की लीकेज या बर्बादी को तुरंत पहचाना जा सकता है। इस प्रकार की तकनीक से जल की कुशल उपयोगिता सुनिश्चित की जा सकती है।

 

 6.2.2 सौर ऊर्जा संचालित जल पंप

कई ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की कमी के कारण जल पंपिंग की समस्या उत्पन्न होती है। इसके समाधान के लिए सौर ऊर्जा संचालित जल पंपों का उपयोग किया जा सकता है। ये पंप सौर ऊर्जा का उपयोग करके जल को सतह पर लाते हैं, जिससे किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों में जल की उपलब्धता में वृद्धि होती है।

 

 6.2.3 जल शोधन में नवाचार

पारंपरिक जल शोधन प्रणालियाँ काफी महंगी और जटिल हो सकती हैं। लेकिन, अब नई जल शोधन तकनीकों का विकास किया गया है, जैसे कि रिवर्स ऑस्मोसिस, अल्ट्रा-वायलेट किरणों द्वारा शोधन, और नैनो फिल्ट्रेशन। इन तकनीकों के माध्यम से जल को कम लागत और अधिक कुशलता के साथ शुद्ध किया जा सकता है।

 

 7. जलपूर्ति योजना में नीति और योजना निर्माण

जलपूर्ति योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए प्रभावी नीति और योजना निर्माण अत्यंत आवश्यक हैं। जल की कमी और आपूर्ति में असमानता को ध्यान में रखते हुए निम्नलिखित नीतियों पर विचार किया जा सकता है:

 

 7.1 जल पुनर्चक्रण नीति

जल पुनर्चक्रण (Water Recycling) एक महत्वपूर्ण नीति हो सकती है, जिसके माध्यम से उद्योगों और शहरों से निकले अपशिष्ट जल को पुनः उपयोगी बनाया जा सकता है। अपशिष्ट जल को शोधन के बाद सिंचाई, फ्लशिंग, और औद्योगिक उपयोग के लिए पुनः उपयोग में लाया जा सकता है। इससे जल की मांग में कमी और संसाधनों का संरक्षण किया जा सकता है।

 

 7.2 जल उपयोग शुल्क

जल के समुचित उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए जल उपयोग शुल्क (Water Usage Charges) का प्रावधान किया जा सकता है। इसके अंतर्गत घरेलू, कृषि, और औद्योगिक उपभोक्ताओं से जल उपयोग के अनुसार शुल्क लिया जा सकता है। इससे जल की बर्बादी को रोका जा सकेगा और जल आपूर्ति की लागत को कवर किया जा सकेगा।

 

 7.3 सार्वजनिक-निजी भागीदारी

जलपूर्ति योजना के विकास और रखरखाव के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल को अपनाया जा सकता है। इसमें निजी कंपनियाँ जल प्रबंधन, शोधन, और वितरण के क्षेत्र में निवेश कर सकती हैं, जिससे योजना की कार्यक्षमता और दीर्घकालिकता सुनिश्चित की जा सकेगी।

 

 8. जलपूर्ति योजना और सतत विकास लक्ष्यों के बीच संबंध

जलपूर्ति योजना का सीधा संबंध सतत विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals - SDGs) से है। विशेषकर, जल से संबंधित लक्ष्यों को पूरा करने में जलपूर्ति योजना एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

 

 8.1 SDG 6: स्वच्छ जल और स्वच्छता

सतत विकास लक्ष्य 6 का उद्देश्य सभी के लिए स्वच्छ जल और स्वच्छता की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। जलपूर्ति योजना के अंतर्गत जल स्रोतों का संरक्षण, जल संचयन, और शुद्ध जल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाती है, जो इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

 

 8.2 SDG 11: सतत शहरी विकास

सतत शहरी विकास के लिए जल की आपूर्ति और प्रबंधन एक महत्वपूर्ण कारक है। शहरीकरण के बढ़ते दबाव के बीच, जलपूर्ति योजना शहरी क्षेत्रों में जल की समुचित उपलब्धता सुनिश्चित करने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में मदद करती है।

 

 8.3 SDG 12: सतत उत्पादन और उपभोग

जल का समझदार और सतत उपयोग सतत उत्पादन और उपभोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जलपूर्ति योजना के अंतर्गत जल के अपव्यय को रोकने, जल पुनर्चक्रण, और जल स्रोतों के संरक्षण को प्रोत्साहित किया जाता है, जो इस लक्ष्य को पूरा करने में मदद करता है।

 

 9. जलपूर्ति योजना के सामाजिक प्रभाव

जलपूर्ति योजना के सफल कार्यान्वयन से सामाजिक स्तर पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जल की उपलब्धता से केवल लोगों के जीवन स्तर में सुधार होता है, बल्कि सामाजिक ताना-बाना भी मजबूत होता है।

 

 9.1 महिला सशक्तिकरण

ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएँ जल संग्रहण के लिए अक्सर लंबी दूरी तय करती हैं। जलपूर्ति योजना के अंतर्गत जल की सुगम उपलब्धता से महिलाओं को इस समस्या से निजात मिलती है और वे अन्य सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों में भाग ले सकती हैं। इससे उनका सशक्तिकरण होता है।

 

 9.2 स्वास्थ्य और स्वच्छता

स्वच्छ जल की उपलब्धता से स्वास्थ्य मानकों में सुधार होता है। जल जनित बीमारियों की रोकथाम से लोगों का स्वास्थ्य बेहतर होता है, जिससे कार्यक्षमता और उत्पादकता में वृद्धि होती है।

 

 9.3 शिक्षा पर प्रभाव

ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट के कारण कई बार बच्चे स्कूल नहीं जा पाते, क्योंकि उन्हें जल की खोज में लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। जलपूर्ति योजना के अंतर्गत जल की सुगमता से बच्चों की शिक्षा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे उनका भविष्य बेहतर बनता है।

 

 10. जलपूर्ति योजना का पर्यावरणीय प्रभाव

जलपूर्ति योजना केवल सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका पर्यावरणीय प्रभाव भी उल्लेखनीय है।

 

 10.1 जल संरक्षण

जलपूर्ति योजना के अंतर्गत जल संचयन प्रणालियों का विकास किया जाता है, जो वर्षा जल को संग्रहित करके उसका उपयोग करते हैं। इससे भूजल स्तर में सुधार होता है और जल स्रोतों का संरक्षण होता है।

 

 10.2 जैव विविधता का संरक्षण

जल स्रोतों के समुचित प्रबंधन से स्थानीय जैव विविधता का संरक्षण होता है। नदियों, तालाबों, और झीलों के किनारे पर स्थित पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करके जैव विविधता को बढ़ावा दिया जा सकता है।

 

 10.3 कार्बन फुटप्रिंट में कमी

सौर ऊर्जा संचालित जल पंपों और स्मार्ट जल नेटवर्क जैसी नवीन तकनीकों के उपयोग से जल आपूर्ति के क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन को कम किया जा सकता है। इससे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में मदद मिलती है।

 

 11. निष्कर्ष

जलपूर्ति योजना केवल जल की आपूर्ति और प्रबंधन का एक साधन है, बल्कि यह सामाजिक, आर्थिक, और पर्यावरणीय विकास का एक महत्वपूर्ण स्तंभ भी है। इसका सफल कार्यान्वयन विभिन्न समुदायों को जल संकट से मुक्ति दिलाने

 

 में सहायक है और साथ ही सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में भी मदद करता है।

 

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