पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत
परिचय
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (Ministry of Environment, Forest and Climate Change - MoEFCC) भारत सरकार का एक प्रमुख मंत्रालय है, जो देश में पर्यावरण संरक्षण, वनों के प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन से संबंधित नीतियों और कार्यक्रमों को लागू करने का कार्य करता है। यह मंत्रालय भारत में सतत विकास को सुनिश्चित करने और पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने के लिए विभिन्न योजनाएँ और परियोजनाएँ संचालित करता है।
मंत्रालय की स्थापना और उद्देश्य
इस मंत्रालय की स्थापना 1985 में की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखना, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, जैव विविधता को संरक्षित करना और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए नीतियाँ बनाना है। यह मंत्रालय पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 और वन संरक्षण अधिनियम, 1980 जैसे कानूनों को लागू करता है।
प्रमुख उपलब्धियाँ और मील के पत्थर
पर्यावरण संरक्षण कानूनों को सख्ती से लागू करना
पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त कानून बनाए गए।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) की स्थापना 2010 में की गई, जिससे पर्यावरण संबंधी मामलों में त्वरित न्याय मिलता है।
राष्ट्रीय कार्ययोजना (National Action Plan on Climate Change - NAPCC)
जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए 2008 में शुरू की गई इस योजना में आठ मिशन शामिल हैं, जिनमें अक्षय ऊर्जा, जल संसाधन, हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र और ग्रीन इंडिया मिशन प्रमुख हैं।
प्रोजेक्ट टाइगर और प्रोजेक्ट एलीफेंट
1973 में शुरू किए गए 'प्रोजेक्ट टाइगर' से बाघों की संख्या में वृद्धि हुई।
1992 में शुरू हुए 'प्रोजेक्ट एलीफेंट' के तहत हाथियों के संरक्षण की दिशा में बड़े कदम उठाए गए।
राष्ट्रीय जैव विविधता कार्य योजना
भारत ने जैव विविधता संरक्षण पर जोर देते हुए विभिन्न जैव विविधता पार्कों और वन्यजीव अभयारण्यों की स्थापना की।
स्वच्छ गंगा मिशन और राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना
गंगा और अन्य प्रमुख नदियों को स्वच्छ और संरक्षित करने के लिए कई योजनाएँ लागू की गईं।
राष्ट्रीय वनीकरण कार्यक्रम
वन क्षेत्र को बढ़ाने और हरित भारत अभियान के तहत देश में हरियाली बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ सख्त कदम
सिंगल-यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने की पहल की गई।
मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही प्रमुख योजनाएँ और परियोजनाएँ
राष्ट्रीय सौर मिशन - भारत में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई प्रमुख योजना।
ग्रीन इंडिया मिशन - वन क्षेत्र और हरित आवरण को बढ़ाने पर केंद्रित योजना।
राष्ट्रीय जैव विविधता कार्य योजना - वन्यजीव संरक्षण और पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने के लिए।
राष्ट्रीय अनुकूलन कोष - जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए वित्तीय सहायता योजना।
वायु प्रदूषण नियंत्रण कार्यक्रम - शहरी क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए कार्यरत।
सफल कहानियाँ और प्रभाव
बाघों की संख्या में वृद्धि - 'प्रोजेक्ट टाइगर' के सफल क्रियान्वयन से भारत में बाघों की संख्या 1973 में 1,411 से बढ़कर 2019 में 2,967 हो गई।
स्वच्छ गंगा अभियान की सफलता - गंगा नदी की स्वच्छता में सुधार आया, जल गुणवत्ता बढ़ी और जैव विविधता को बढ़ावा मिला।
प्लास्टिक प्रतिबंध से पर्यावरण संरक्षण - बड़े शहरों में प्लास्टिक के उपयोग में कमी देखी गई।
वन क्षेत्र में वृद्धि - भारत के वन क्षेत्र में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है।
भविष्य की योजनाएँ
नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य (2070 तक) - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2070 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है।
हरित भारत अभियान - 2030 तक 2.5 से 3 बिलियन टन कार्बन उत्सर्जन को रोकने की योजना।
नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा - 2030 तक 500 गीगावाट अक्षय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य।
प्लास्टिक मुक्त भारत - 2025 तक सिंगल-यूज प्लास्टिक को पूरी तरह खत्म करने की योजना।
पर्यावरण शिक्षा और जागरूकता - स्कूली शिक्षा में पर्यावरण संरक्षण को शामिल करना।
निष्कर्ष
भारत का पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं के माध्यम से मंत्रालय ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने, जैव विविधता को संरक्षित करने और सतत विकास को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं। आने वाले वर्षों में, सरकार और मंत्रालय का ध्यान पर्यावरण संरक्षण, सतत ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने पर रहेगा।
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