Friday, January 31, 2025

भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय

 

उपलब्धियां और मील के पत्थर

भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय ने पिछले कुछ दशकों में श्रमिकों की स्थिति में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं और सुधारों की शुरुआत की है। इन सुधारों ने न केवल श्रमिकों के जीवन स्तर को ऊपर उठाया, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती दी है। इस खंड में हम मंत्रालय की प्रमुख उपलब्धियों और मील के पत्थरों पर चर्चा करेंगे।


सामाजिक सुरक्षा और कल्याण की पहल

  1. कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) योजना का विस्तार

    • EPF योजना का उद्देश्य भारत के संगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक स्थिर भविष्य सुनिश्चित करना है। इसमें श्रमिक और नियोक्ता दोनों ही योगदान करते हैं। श्रमिकों को उनके जीवनभर के काम के बाद एक सुरक्षित रिटायरमेंट पेंशन मिलती है।
    • EPF का विस्तार श्रमिकों की अधिक संख्या तक पहुंचाने के लिए किया गया है, ताकि असंगठित क्षेत्र के श्रमिक भी इसका लाभ उठा सकें। इसके अलावा, ऑनलाइन EPF पोर्टल के जरिए कर्मचारियों को आसानी से अपने खाते का विवरण और योगदान देख सकते हैं।
  2. कर्मचारी राज्य बीमा (ESI) योजना की शुरुआत

    • ESI योजना के तहत श्रमिकों को बीमारी, दुर्घटना या कार्य से संबंधित किसी भी समस्या से निपटने के लिए स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य लाभ प्रदान किए जाते हैं। यह योजना संगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक सुरक्षा कवच के रूप में काम करती है।
    • इस योजना के माध्यम से, श्रमिकों को स्वास्थ्य सेवाएं, रिटायरमेंट पेंशन, और सुरक्षात्मक लाभ मिलते हैं। इसके तहत अस्पताल, क्लिनिक और अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं मुफ्त में उपलब्ध कराई जाती हैं।
  3. प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PMSYM) का कार्यान्वयन

    • यह योजना असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना के अंतर्गत, असंगठित श्रमिकों को एक पेंशन योजना प्रदान की जाती है ताकि वे अपनी वृद्धावस्था में सुरक्षित जीवन जी सकें।
    • PMSYM योजना के तहत 18 से 40 वर्ष के श्रमिकों को 60 वर्ष की आयु में हर महीने 3,000 रुपये की पेंशन मिलती है। इसका लाभ लाखों श्रमिकों ने उठाया है, जिससे उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हुई है।

श्रम सुधार

  1. श्रम संहिताओं के तहत श्रम कानूनों का एकीकरण (नए श्रम कोड)

    • भारत में श्रम कानूनों की जटिलता और भ्रम को दूर करने के लिए नए श्रम कोड लागू किए गए हैं। इन कोड्स ने श्रम कानूनों को सरल और एकीकृत किया है, जिससे नियोक्ता और श्रमिक दोनों को लाभ हुआ है।
    • नए श्रम कोड ने सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा, और कामकाजी परिस्थितियों में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इनमें वेतन, सुरक्षा, श्रमिकों के अधिकारों, और कामकाजी घंटों के बारे में स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
  2. श्रम बाजार की स्थिति में सुधार और व्यापार करने की सहूलियत बढ़ाना

    • श्रम सुधारों के साथ-साथ, सरकार ने व्यापार करने में सहूलियत (Ease of Doing Business) बढ़ाने के लिए भी कदम उठाए हैं। श्रम कानूनों को सरल बनाकर, भारत में व्यापार करना आसान हुआ है।
    • इसके परिणामस्वरूप, विदेशी निवेश को आकर्षित करने में सफलता मिली है और भारत में नए रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए हैं।
  3. राष्ट्रीय करियर सेवा (NCS) प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से रोजगार के अवसरों का सृजन

    • NCS प्लेटफ़ॉर्म ने श्रमिकों और नियोक्ताओं के बीच एक मजबूत संबंध स्थापित किया है। इस प्लेटफ़ॉर्म पर, श्रमिक अपनी कौशल सेट और अनुभव के अनुसार नौकरी की तलाश कर सकते हैं।
    • यह प्लेटफ़ॉर्म लाखों युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए एक अत्याधुनिक तकनीकी उपकरण है।

कौशल विकास

  1. स्किल इंडिया अभियान की शुरुआत

    • स्किल इंडिया अभियान का उद्देश्य भारत के युवाओं को उच्च गुणवत्ता वाली कौशल प्रशिक्षण देना था, ताकि वे वैश्विक श्रम बाजार में प्रतिस्पर्धी बन सकें। इस अभियान ने भारत में कौशल विकास के क्षेत्र में एक नई क्रांति लाई।
    • इसके तहत राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) की स्थापना की गई, जो विभिन्न कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन करती है।
  2. विभिन्न राज्य सरकारों और उद्योगों के साथ मिलकर कौशल विकास की दिशा में किए गए कार्य

    • मंत्रालय ने राज्य सरकारों और उद्योगों के साथ मिलकर विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय कौशल विकास योजनाओं का संचालन किया। इससे न केवल युवाओं को नौकरी के अवसर मिले, बल्कि भारत के विभिन्न उद्योगों को भी कुशल श्रमिक मिल पाए।
    • इसके तहत विशेष रूप से ट्रेडिंग, इंजीनियरिंग, और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में कौशल विकास पर जोर दिया गया।
  3. राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) की सफलता और उपलब्धियां

    • NSDC ने 2015 के बाद से लाखों युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया और उन्हें रोजगार के अवसरों से जोड़ा।
    • यह निगम प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर के साझेदारी मॉडल के तहत कौशल विकास का कार्य करता है और इसके परिणामस्वरूप कई प्रशिक्षण केंद्र और इंटरप्राइजेज स्थापित किए गए हैं।

सामाजिक सुरक्षा - संवेदनशील कामकाजी वर्ग के लिए पहल

  1. प्रवासी श्रमिकों, महिला श्रमिकों और बच्चों के लिए जारी की गई योजनाएं

    • प्रवासी श्रमिकों के लिए मंत्रालय ने कई योजनाओं की शुरुआत की, जिनमें स्वास्थ्य सुरक्षा, आवास, और शैक्षिक सुविधाएं प्रदान की गईं। इसके तहत आत्मनिर्भर भारत के तहत प्रवासी श्रमिकों को रोजगार के अवसर मिले।
    • महिला श्रमिकों के लिए विशेष योजनाएं बनाई गईं, ताकि वे सुरक्षित रूप से काम कर सकें और उनका जीवन स्तर सुधार सके।
    • बाल श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए मंत्रालय ने कई कठोर कदम उठाए और उनके लिए शिक्षा और अन्य सुविधाओं का विस्तार किया।
  2. श्रमिकों के बेहतर कार्यकंडीशन्स सुनिश्चित करने के लिए निरीक्षण और शिकायत निवारण तंत्र

    • मंत्रालय ने श्रमिकों की शिकायतों का निवारण करने के लिए एक मजबूत तंत्र स्थापित किया है। इसके तहत श्रमिकों को किसी भी प्रकार की शोषण या उत्पीड़न के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की सुविधा मिली है।
    • इसके अलावा, श्रमिकों के कार्यकंडीशन्स को बेहतर बनाने के लिए नियमित निरीक्षण और सर्वेक्षण किए जाते हैं, ताकि कामकाजी परिस्थितियों में सुधार हो सके।

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