Thursday, January 30, 2025

भारत वित्त मंत्रालय -Achievement , Milestone, Success stories, Future plan, Running projects,

 

परिचय

भारत का वित्त मंत्रालय देश की अर्थव्यवस्था के प्रबंधन और नीतियों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह मंत्रालय केंद्रीय वित्त और आर्थिक नीतियों को लागू करता है, जिससे भारत की आर्थिक स्थिति को स्थिर और सुदृढ़ बनाए रखा जाता है। यह मंत्रालय कर प्रणाली, राजस्व संग्रह, बजट निर्माण, आर्थिक सुधारों और वित्तीय नियमन से संबंधित निर्णय लेता है।

वित्त मंत्रालय का इतिहास और संरचना

वित्त मंत्रालय की स्थापना भारत की स्वतंत्रता के बाद हुई और इसे मुख्य रूप से चार विभागों में विभाजित किया गया है:

  1. आर्थिक मामलों का विभाग (Department of Economic Affairs)

  2. व्यय विभाग (Department of Expenditure)

  3. राजस्व विभाग (Department of Revenue)

  4. वित्तीय सेवा विभाग (Department of Financial Services)

  5. निवेश और सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (Department of Investment and Public Asset Management - DIPAM)

वित्त मंत्रालय की प्रमुख उपलब्धियाँ और मील के पत्थर

  • GST (वस्तु एवं सेवा कर) का क्रियान्वयन: 2017 में GST लागू किया गया, जिससे कर प्रणाली सरल हुई और कर संग्रह में वृद्धि हुई।

  • आधारभूत संरचना विकास: भारत में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए विभिन्न योजनाएँ शुरू की गईं, जैसे भारतमाला परियोजना, सागरमाला परियोजना और स्मार्ट सिटी मिशन।

  • मुद्रा योजना: इस योजना के तहत छोटे और मध्यम उद्यमों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई।

  • बैंकों का पुनर्पूंजीकरण: सरकारी बैंकों को मजबूत करने के लिए बड़ी मात्रा में पूंजी निवेश किया गया।

  • डिजिटल भुगतान को बढ़ावा: UPI, BHIM, और डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्रालय ने कई पहल कीं।

सफलता की कहानियाँ

  • जन धन योजना: करोड़ों भारतीयों के बैंक खाते खोले गए, जिससे वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिला।

  • इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC): दिवालियापन प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाया गया।

  • डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT): सब्सिडी और सरकारी सहायता सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजी जाने लगी।

  • मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया: घरेलू और विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए इन योजनाओं की शुरुआत हुई।

वर्तमान में चल रही प्रमुख परियोजनाएँ

  • राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन (NIP): देश में बुनियादी ढांचे के विकास को गति देने के लिए यह परियोजना चलाई जा रही है।

  • पीएम आत्मनिर्भर भारत योजना: आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में नीतियाँ बनाई गईं।

  • डिजिटल इंडिया कार्यक्रम: डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल भुगतान और ई-गवर्नेंस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

  • राष्ट्रीय मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP): सरकार की परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण कर राजस्व बढ़ाने की पहल।

भविष्य की योजनाएँ

  • भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना: सरकार की प्राथमिकता देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँचाने की है।

  • ग्रीन फाइनेंस और सतत विकास: पर्यावरण-अनुकूल परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय संसाधनों का आवंटन।

  • बैंकों का डिजिटलीकरण: सरकारी बैंकों को डिजिटल और आधुनिक बनाने की दिशा में प्रयास।

  • एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) को प्रोत्साहित करना: विदेशी निवेशकों के लिए अधिक अनुकूल नीतियाँ लागू की जा रही हैं।

भारत की GDP को बढ़ाने की पहल

  • उद्योग और विनिर्माण क्षेत्र का सशक्तिकरण: मेक इन इंडिया, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLI) जैसी पहलें।

  • निर्यात को बढ़ावा: निर्यात नीतियों में सुधार और व्यापार समझौतों को सुदृढ़ बनाना।

  • MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) को समर्थन: आसान ऋण सुविधाएँ और वित्तीय सहायता।

  • सहायक नीतियाँ: कृषि सुधार, श्रम कानूनों में संशोधन और नई निवेश योजनाएँ।

निष्कर्ष

भारत का वित्त मंत्रालय देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने और जनता को वित्तीय रूप से सशक्त बनाने के लिए कई प्रभावी कदम उठा रहा है। नीतिगत सुधारों और योजनाओं के माध्यम से भारत एक मजबूत आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में अग्रसर है।


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