भारत सरकार का उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय
परिचय:
भारत सरकार का उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय (Ministry of Consumer Affairs, Food & Public Distribution) नागरिकों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने के उद्देश्य से कार्य करता है। यह मंत्रालय दो विभागों में विभाजित है:
उपभोक्ता मामले विभाग (Department of Consumer Affairs)
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (Department of Food & Public Distribution)
मंत्रालय की प्रमुख उपलब्धियां:
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 (NFSA): यह अधिनियम आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को रियायती दरों पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने का अधिकार देता है।
वन नेशन वन राशन कार्ड (ONORC) योजना: प्रवासी मजदूरों और अन्य लाभार्थियों को किसी भी राज्य में सस्ता राशन प्राप्त करने की सुविधा।
डिजिटल राशन कार्ड प्रणाली: भ्रष्टाचार कम करने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए राशन कार्ड को डिजिटल बनाया गया।
ई-नाम (e-NAM) प्लेटफॉर्म: किसानों को उचित मूल्य दिलाने और व्यापार को सुगम बनाने के लिए एकीकृत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म।
ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) को सशक्त बनाना: उपभोक्ताओं को गुणवत्ता वाले उत्पाद देने के लिए मानकों को सख्ती से लागू करना।
मूल्य स्थिरीकरण कोष (Price Stabilization Fund): आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में स्थिरता बनाए रखने के लिए सरकार का प्रयास।
मील के पत्थर:
टारगेटेड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (TPDS): गरीबों को लक्षित खाद्यान्न वितरण की शुरुआत।
एपीएल और बीपीएल श्रेणियों के लिए खाद्य सुरक्षा योजनाएँ: विभिन्न राज्यों में अलग-अलग लाभ प्रदान किए गए।
फूड सब्सिडी में वृद्धि: गरीब परिवारों के लिए खाद्य सुरक्षा को और मजबूत किया गया।
अनाज भंडारण के लिए आधुनिक गोदामों की स्थापना: खाद्यान्न के संरक्षण के लिए वैज्ञानिक तरीके अपनाए गए।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019: उपभोक्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए नया कानून लागू किया गया।
सफलता की कहानियां:
उत्तर प्रदेश में पीडीएस में सुधार: डिजिटल वितरण प्रणाली से लाखों लोगों को लाभ।
कोरोना महामारी के दौरान मुफ्त राशन योजना: प्रवासी मजदूरों और गरीब वर्गों के लिए सरकार की सहायता।
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर अनिवार्य गुणवत्ता मानकों की शुरुआत: उपभोक्ताओं को सुरक्षित और मानक उत्पाद मिलने की गारंटी।
वर्तमान में चल रही योजनाएँ:
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY): गरीबों को मुफ्त राशन प्रदान करना।
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH): उपभोक्ताओं की शिकायतों के समाधान के लिए टोल-फ्री हेल्पलाइन।
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) योजना: लाभार्थियों को सीधे सब्सिडी राशि प्रदान करना।
एग्रीकल्चर मार्केटिंग रिफॉर्म्स: किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने के लिए नीतिगत सुधार।
भविष्य की योजनाएँ:
100% डिजिटल राशन वितरण: देश भर में पीडीएस को पूर्णतः डिजिटल बनाने की योजना।
उपभोक्ता अधिकार जागरूकता अभियान: देशव्यापी अभियान के माध्यम से लोगों को उनके अधिकारों के प्रति सचेत करना।
खाद्यान्न भंडारण क्षमता में वृद्धि: आधुनिक तकनीकों के माध्यम से गोदामों की क्षमता बढ़ाना।
वन नेशन वन राशन कार्ड को पूर्ण कार्यान्वयन: सभी राज्यों में इस योजना का पूरी तरह से लागू किया जाना।
निष्कर्ष:
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय भारत की खाद्य सुरक्षा और उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के लिए निरंतर प्रयासरत है। डिजिटलाइजेशन, पारदर्शिता और नवीन योजनाओं के माध्यम से यह मंत्रालय आम जनता को बेहतर सेवाएँ प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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