Tuesday, October 13, 2020

लिखूं आज या कलम तोड़ दूं दरिंदों को क्या मैं यूं ही छोड़ दूं.


लिखूं आज या कलम तोड़ दूं
दरिंदों को क्या मैं यूं ही छोड़ दूं....

#BEWITHBETI 
#Justice
#BetiBachao

बहन- बेटी सबकी एक समान होती हैं 🤷

बहन- बेटियों की इज्जत का कोई जाती-धर्म नहीं होता है!

बहन-बेटियों की जान गरीब-अमीर नहीं होती है!

इसलिये बहन #ManishaValmiki के अपराधियों को सज़ा दिलाने के लिये आवाज़ उठाना हम सब देशवासियो का कर्तव्य है!

फ़ास्ट ट्रेक में कड़ी से कड़ी सजा हो!

अगर बेटी का दुख केवल बेटी का माँ ही समझती है  #मनिषा किसी दौलतमंद की औलाद नही थी लेकिन इज़्ज़त से जीने का हक भी खत्म है क्या लोकतंत्र में अब?
संवेदनायें क्यों शून्य हैं बेटियों पर अत्याचार हों तो?

“क्या कारण है कि माँ बेटी सलामत नहीं है? शाम को अकेली घर से बाहर निकल नहीं पाती है क्या कारण है? 8-9वीं की बच्चियां स्कूल जाती है तो सिरफिरे लड़के रास्ते में ऐसी भद्दी टोका टोकी करते हैं वे स्कूल जाने से डरती हैं”


अपने बच्चों को अच्छे #संस्कार दो प्लीज 🙏
कोशिश करो कि हमारे बच्चों के #विचार अच्छे रहे ।
कोशिश करो कि उनके आचरण #अच्छे रहे ।


Our laws & their enforcement must be so strict that the mere thought of punishment makes rapists shudder with fear!Hang the culprits.Raise ur voice to safeguard daughters & sisters-its the least we can do



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