Growth Sector India 2026- Green Energy and Climate Tech
मास्टर प्लान मे वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, रिजर्व फारेस्ट, पर्यावरण एवं वन व अन्य संरक्षित क्षेत्रों पर विशेष धयान
मास्टर प्लान शहरी विकास की एक अहम हिस्सा है, और इसमें वनस्पति और वन्यजीव संरक्षण, पर्यावरण, और संरक्षित क्षेत्रों को समर्थन देने का महत्वपूर्ण प्राधान्य है, ताकि एक विशेष ध्यान रखा जा सके। यह ध्यान वाले क्षेत्र भारतीय स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में एक प्रयोजनका का हिस्सा बन सकते हैं।
1. वन्यजीव संरक्षण:
- स्मार्ट सिटी के मास्टर प्लान में वन्यजीव संरक्षण के लिए विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इसका उद्देश्य शहर के आस-पास के क्षेत्रों में वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण को बढ़ावा देना है।
- इसके लिए, वन्यजीव क्षेत्रों को पहचानने, निगरानी करने और संरक्षित करने के लिए विभिन्न अद्यतन तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है, जैसे कि GPS और सैटेलाइट इमेजिंग।
2. रिजर्व फारेस्ट:
- स्मार्ट सिटी के अंदर रिजर्व फारेस्ट क्षेत्रों के संरक्षण के लिए उपयोग किए जा सकते हैं। रिजर्व फारेस्ट क्षेत्रों की रक्षा के लिए जीआईएस का उपयोग किया जा सकता है ताकि यह क्षेत्र सुरक्षित रह सकें और अवैध वनस्पति और वन्यजीव शिकार से बचाजा जा सके।
3. पर्यावरण और संरक्षित क्षेत्र:
- स्मार्ट सिटी के मास्टर प्लान में पर्यावरण और संरक्षित क्षेत्रों के साथ जुड़े अहम मुद्दे पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
- यह शामिल कर सकता है: जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का मूल्यांकन, प्लास्टिक प्रबंधन, प्राकृतिक संसाधनों के सुरक्षा और संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण, और जल संवर्धन।
4. शहर के हरितीकरण और बागवानी:
- स्मार्ट सिटी मास्टर प्लान में शहर के हरितीकरण की योजना बनाने और सुन्दर बागवानी को प्रोत्साहित करने के लिए भी जीआईएस का उपयोग किया जा सकता है।
इन सभी तरीकों से, स्मार्ट सिटी मास्टर प्लान शहर के विकास में वनस्पति, वन्यजीव, पर्यावरण, और संरक्षित क्षेत्रों के सुरक्षण और संरक्षण के लिए योजनाएं तैयार करने में मदद कर सकता है, जिससे एक स्वस्थ, सुरक्षित, और हरित शहर का विकास किया जा सकता है।
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