Thursday, October 26, 2023

वन रैंक वन पेंशन 2015

 

"वन रैंक वन पेंशन" या "वन रैंक वन पेंशन योजना" भारत सरकार की एक पेंशन योजना है जो 2015 में शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य भारतीय रक्षा सेना, पुलिस और प्रशासनिक सेवाओं में काम करने वाले कर्मचारियों को पेंशन की सुरक्षा प्रदान करना है। इस योजना के अनुसार, किसी भी कर्मचारी की पेंशन उसके आखिरी कामकाजी स्थिति के हिसाब से मिलेगी, जिससे उसकी पेंशन उच्च होती है।

यह योजना केंद्रीय कर्मचारी, रक्षा सेना, पुलिस, परमिलिटरी फोर्सेस (सशस्त्र प्रहरी बल, आदि) और संबद्ध संगठनों के कर्मचारियों के लिए लागू है। यह पेंशन योजना उन कर्मचारियों के लिए है जो 1 जनवरी 2004 के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं। इस योजना के तहत, पेंशन का लाभ सीधे बैंक खाते में जमा किया जाता है।

 

वन रैंक वन पेंशन की वर्तमान स्थिति

One Rank One Pension Revised by govt : वन रैंक वन पेंशन में नए संशोधन के अनुसार सिपाही को मिलने वाली 17,699 रुपये की पेंशन अब 19,726 रुपये मिलेगी

https://hindi.economictimes.com/wealth/personal-finance/one-rank-one-pension-revised-for-25-lakh-defence-personnel-and-pensioners-under-orop-details-here/articleshow/96570537.cms


 

 

 Other References:

सरकार ने रक्षा बलों के कार्मिकों/पारिवारिक पेंशनभोगियों के लिए वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) को लागू करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया और 01 जुलाई, 2014 से पेंशन में पुनरीक्षण के लिए 07 नवंबर, 2015 को नीति पत्र जारी किया। उक्त नीति पत्र में, यह उल्लेख किया गया था कि भविष्य में पेंशन हर पांच वर्ष में फिर से निर्धारित की जाएगी। - PIB

 

Friday, October 20, 2023

Growth Sector India 2026- Green Energy and Climate Tech पर्यावरण पर विशेष फोकस


 Growth Sector India 2026- Green Energy and Climate Tech

मास्टर प्लान मे  वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, रिजर्व फारेस्ट, पर्यावरण एवं वन व अन्य संरक्षित क्षेत्रों पर विशेष धयान

 

मास्टर प्लान शहरी विकास की एक अहम हिस्सा है, और इसमें वनस्पति और वन्यजीव संरक्षण, पर्यावरण, और संरक्षित क्षेत्रों को समर्थन देने का महत्वपूर्ण प्राधान्य है, ताकि एक विशेष ध्यान रखा जा सके। यह ध्यान वाले क्षेत्र भारतीय स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में एक प्रयोजनका का हिस्सा बन सकते हैं।

1. वन्यजीव संरक्षण:

  • स्मार्ट सिटी के मास्टर प्लान में वन्यजीव संरक्षण के लिए विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इसका उद्देश्य शहर के आस-पास के क्षेत्रों में वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण को बढ़ावा देना है।
  • इसके लिए, वन्यजीव क्षेत्रों को पहचानने, निगरानी करने और संरक्षित करने के लिए विभिन्न अद्यतन तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है, जैसे कि GPS और सैटेलाइट इमेजिंग।

2. रिजर्व फारेस्ट:

  • स्मार्ट सिटी के अंदर रिजर्व फारेस्ट क्षेत्रों के संरक्षण के लिए उपयोग किए जा सकते हैं। रिजर्व फारेस्ट क्षेत्रों की रक्षा के लिए जीआईएस का उपयोग किया जा सकता है ताकि यह क्षेत्र सुरक्षित रह सकें और अवैध वनस्पति और वन्यजीव शिकार से बचाजा जा सके।

3. पर्यावरण और संरक्षित क्षेत्र:

  • स्मार्ट सिटी के मास्टर प्लान में पर्यावरण और संरक्षित क्षेत्रों के साथ जुड़े अहम मुद्दे पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
  • यह शामिल कर सकता है: जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का मूल्यांकन, प्लास्टिक प्रबंधन, प्राकृतिक संसाधनों के सुरक्षा और संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण, और जल संवर्धन।

4. शहर के हरितीकरण और बागवानी:

  • स्मार्ट सिटी मास्टर प्लान में शहर के हरितीकरण की योजना बनाने और सुन्दर बागवानी को प्रोत्साहित करने के लिए भी जीआईएस का उपयोग किया जा सकता है।

इन सभी तरीकों से, स्मार्ट सिटी मास्टर प्लान शहर के विकास में वनस्पति, वन्यजीव, पर्यावरण, और संरक्षित क्षेत्रों के सुरक्षण और संरक्षण के लिए योजनाएं तैयार करने में मदद कर सकता है, जिससे एक स्वस्थ, सुरक्षित, और हरित शहर का विकास किया जा सकता है।

 

मास्टर प्लान ओर GIS

 

मास्टर प्लान और जीआईएस (Geographic Information System - GIS) सरकारी पहल हैं जो भारत सरकार द्वारा शहरी विकास और स्थानीय प्रशासन में जीआईएस तकनीक का उपयोग करने के लिए शुरू की गई है। यह पहल मुख्य रूप से शहरी योजना, बेहतर नगरिक सुविधाओं की प्रदान, और शहरी जगहों के विकास को समर्थन देने के लिए आरंभ की गई है।

मास्टर प्लान:

  • मास्टर प्लान शहरों के विकास के लिए एक व्यवस्थित योजना है जो स्थानीय और शहरी प्रशासन के लिए आवश्यक होती है।
  • इसका उद्देश्य स्थानीय समुदायों की आवश्यकताओं और आवास के विकास के लिए एक दीर्घकालिक रणनीति तैयार करना है.
  • मास्टर प्लान, जीआईएस तकनीक का प्रयोग करके शहर के विकास को और सुदृढ़ बनाने में मदद करता है.

जीआईएस (Geographic Information System):

  • जीआईएस एक तकनीकी उपकरण है जो भू-स्थानीय डेटा को समझने, प्रबंधन करने और प्रयोग करने में मदद करता है.
  • यह तकनीक स्थानीय डेटा को मानचित्रों और विज़ुअलाइजेशन के माध्यम से प्रस्तुत करने में मदद करती है, जिससे नागरिकों और प्रशासन कर्मचारियों को शहर के विकास को समझने में मदद मिलती है.

सरकारी पहल:

  • भारत सरकार ने मास्टर प्लान और जीआईएस का उपयोग शहरों के विकास को सुदृढ़ करने के लिए किया है.
  • यह पहल शहरों के सुधार के लिए जीआईएस तकनीक का उपयोग करने की अनुमति देती है जिससे सुविधाएँ बेहतर बनती हैं और नगर विकास को व्यवस्थित तरीके से किया जा सकता है.

इस पहल के अंतर्गत, जीआईएस का उपयोग करके शहरों के विकास की योजनाएं बनाने और प्रबंधित करने में मदद मिलती है ताकि नगरिकों को बेहतर सुविधाएँ और नगर विकास के साथ एक बेहतर जीवन मिले।

Implementation of e-Courts system

Implementation of e-Courts system To ensure faster resolution of cases by: Strengthening NCLT framework Implementation of e-Courts system Introduction of alternate methods of debt resolution and special framework for MSMEs

 

The e-Courts system, also known as the National Judicial Data Grid (NJDG) in India, is a comprehensive program aimed at digitizing and automating the functioning of the Indian judiciary. The initiative seeks to provide a transparent, efficient, and accessible judicial system by leveraging technology. Here's an in-depth look at the implementation of the e-Courts system:

  1. Background:

    • The e-Courts project was launched in 2005 as a mission mode project under the National e-Governance Plan (NeGP).
    • The primary goal is to computerize the operations of the Indian judiciary, from case registration to case disposal.
  2. Key Objectives:

    • Improve the efficiency and transparency of court processes.
    • Provide easy access to case information for litigants, lawyers, and the public.
    • Reduce the pendency of cases by streamlining processes.
    • Facilitate electronic filing of cases and documents.
    • Enable judicial officers to make informed decisions.
  3. Components of e-Courts System:

    a. Case Information System (CIS):

    • The CIS is the backbone of the e-Courts project. It involves the computerization of case-related data, including case registration, case details, and case history.
    • It allows authorized users, including judges, lawyers, and litigants, to access case information electronically.

    b. Filing Counter:

    • This component allows litigants and lawyers to electronically file cases and documents, reducing the need for physical visits to the court.

    c. Court Management System (CMS):

    • CMS handles court scheduling, cause lists, and case allocation.
    • It streamlines the process of listing and managing cases.

    d. Judicial Workflow Automation:

    • Automation of routine judicial processes, such as case registration, case assignment, and generation of notices and summons.

    e. e-Governance:

    • Integrates with various government departments and agencies to access necessary information, reducing manual data entry and improving accuracy.

    f. Management Information System (MIS):

    • Provides analytical and statistical tools to monitor court performance and case statistics.

    g. Mobile Applications:

    • Mobile apps for judges, lawyers, and litigants to access and manage case information remotely.
  4. Infrastructure:

    • Establishing the necessary infrastructure, including the creation of data centers, network connectivity, and hardware resources, is a crucial part of the implementation.
  5. Training and Capacity Building:

    • Training programs are conducted for judges, court staff, and lawyers to familiarize them with the e-Courts system.
  6. Security and Data Privacy:

    • Robust security measures are implemented to safeguard sensitive judicial data and maintain data integrity.
  7. Benefits:

    • Increased transparency and accountability.
    • Reduced case pendency.
    • Improved access to justice, especially for rural areas.
    • Convenience for lawyers and litigants.
    • Enhanced judicial decision-making through data analysis.
  8. Challenges:

    • Resistance to change from traditional paper-based systems.
    • Infrastructure and connectivity issues in remote areas.
    • Data security and privacy concerns.
  9. Monitoring and Evaluation:

    • Continuous monitoring and evaluation of the e-Courts system to ensure it meets its objectives and is responsive to changing needs.
  10. Scaling and Expansion:

    • The project aims to expand to cover all the courts in India gradually.

The implementation of the e-Courts system is a significant step toward modernizing the Indian judicial system, making it more efficient and accessible. It reflects a commitment to using technology to enhance the administration of justice.

 

नए श्रम कानून

नए श्रम कानून भारत में "श्रम" या श्रमिकों के अधिकारों, कर्मचारी सुरक्षा, और उनके लिए सुधार के लिए नए कानूनी प्रावधानों का एक सेट है। यह कानून बीते कुछ वर्षों में भारतीय श्रम और उद्योग मंत्रालय द्वारा श्रम क्षेत्र के लिए सुधार करने के लिए लागू किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय श्रमिकों के अधिकारों को मजबूत करना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है.

 

नए श्रम कानून के मुख्य प्रमुख बिंदुएं निम्नलिखित हैं:

  1. श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा: नए श्रम कानून में श्रमिकों के मौजूदा और आने वाले अधिकारों की सुरक्षा की गई है, जैसे कि मिनिमम वेज और काम की शर्तों का पालन।

  2. काम की शर्तें: कानून श्रमिकों के लिए काम की शर्तों को सुधारने की दिशा में कई प्रक्रिया के निर्धारण करता है, जैसे कि काम की समयगणना और काम की शर्तों की सुनिश्चित करना।

  3. कर्मचारी सुरक्षा: नए श्रम कानून के तहत कर्मचारी सुरक्षा के लिए और अधिक सख्त नियम और निरीक्षण की दिशा में कदम बढ़ाया गया है।

  4. अवसर और साक्षरता: कानून श्रमिकों को और अधिक प्रशिक्षण और विकसन के लिए और अधिक अवसर प्रदान करने के लिए सामग्री और योजनाओं की प्रोत्साहना करता है।

  5. न्यूनतम वेतन: कानून न्यूनतम वेतन की मान्यता की दिशा में कदम बढ़ाता है और श्रमिकों को अधिक वेतन प्राप्त करने का हक देता है।

  6. कार्यकर्ताओं की सुरक्षा: नए श्रम कानून के अंतर्गत कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के लिए अधिक सख्त नियम और विधियां हैं, जिससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है।

  7. उद्योगों के लिए सरलीकरण: कानून उद्योगों के लिए काम की शर्तों को सरलीकरण करने की दिशा में है, जिससे उन्हें काम की शर्तों का पालन करने में मदद मिलती है।

  8. श्रमिकों के लिए विकल्प: कानून श्रमिकों के लिए और अधिक विकल्प प्रदान करने के लिए है, जैसे कि जीवन की उम्र की वृद्धि और पेंशन की व्यवस्था।

  9. अन्य बदलाव: नए श्रम कानून में और भी कई बदलाव हैं, जैसे कि विशेष अधिकारों की सुरक्षा, कार्यकर्ताओं की सुरक्षा की सख्ती, और कर्मचारी सुरक्षा के प्रति अधिक जागरूकता।

नए श्रम कानून भारत में श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा को मजबूत करने का प्रयास है, जिससे उनका उत्थान हो सके और उन्हें अधिक सुरक्षा मिल सके।


 

नए श्रम कानून में पुराने श्रम कानूनों के मुकाबले कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनमें से कुछ मुख्य बदलाव निम्नलिखित हैं, और इन बदलावों के क्या फायदे हैं, यह निम्नलिखित ब्लॉग पोस्ट में बताया जा रहा है:

1. मिनिमम वेज और श्रमिकों की सुरक्षा:

पुराने कानून में मिनिमम वेज और काम की शर्तों की सुरक्षा की कमी थी। नए कानून में, श्रमिकों को उच्च मिनिमम वेज और सम्पूर्ण श्रमिक सुरक्षा की सुविधा प्रदान की जा रही है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

2. कर्मचारी सुरक्षा:

नए कानून में कर्मचारी सुरक्षा के नियम और विधियाँ मजबूत की गई हैं। यह कर्मचारियों को किसी भी प्रकार के दुर्घटनाओं या संक्रमण की स्थिति में सुरक्षा प्रदान करने में मदद करेगा।

3. अधिक अवसर:

नए कानून से, श्रमिकों को और अधिक प्रशिक्षण और विकास के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। इससे उनकी करियर में वृद्धि होगी और वे अधिक उच्च स्तर की नौकरियों के लिए योग्य होंगे।

4. कार्यकर्ताओं की सुरक्षा:

नए कानून में कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के नियमों में सुधार किया गया है। इससे उन्हें न्याय और सुरक्षा का अधिक अधिकार प्राप्त होंगे।

5. उद्योगों के लिए सरलीकरण:

नए कानून में उद्योगों के लिए काम की शर्तों को सरलीकरण करने की दिशा में कदम बढ़ाया गया है। इससे उन्हें काम की शर्तों का पालन करने में मदद मिलेगी और उनका कार्य प्रशासनिक दृष्टिकोन में आसान होगा।

इन बदलावों से लाभान्वित होने के लिए, श्रमिकों को न्यूनतम वेतन, सुरक्षा, और सम्पूर्ण श्रमिक सुरक्षा की सुरक्षा मिलेगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और वे अधिक उत्साही और संजीवनी जीवन जी सकेंगे। इसके अलावा, उद्योगों को भी कार्य प्रशासनिक मुद्दों में सुधार करने का अवसर मिलेगा, जिससे उनका काम प्रशासनिक दृष्टिकोन में सरल होगा और उनका व्यवसाय फिर से वृद्धि कर सकेगा।

 

 

ओवरटाइम की श्रेणी में 15 मिनट ज्यादा काम भी।

आर्थिक वृद्धि को गति-अर्थव्यवस्था में तेजी और रिवाइवल

अर्थव्यवस्था में तेजी और रिवाइवल

 

"अर्थव्यवस्था में तेजी और रिवाइवल" एक महत्वपूर्ण शब्द है जो आर्थिक संचालन और सरकारी नीतियों के क्षेत्र में उपयोग होता है। यह किसी देश की अर्थव्यवस्था के गति की वृद्धि और उसे स्वस्थ बनाने की प्रक्रिया को सूचित करता है।

"अर्थव्यवस्था में तेजी और रिवाइवल" के मुख्य पहलु:

  1. गति और वृद्धि: यह अर्थव्यवस्था के गति और वृद्धि को सूचित करता है, जिससे बिजनेस और उद्योगों को नए अवसर प्राप्त हो सकते हैं और नौकरियों के अधिक स्रोत पैदा किए जा सकते हैं।

  2. रिवाइवल: यह विफल या मंद होने वाली अर्थव्यवस्था को फिर से पुनर्जीवन देने की प्रक्रिया को सूचित करता है, जिसमें संविदानिक या सरकारी उपायों का उपयोग किया जाता है।

भारत का उदाहरण:

भारत में, "अर्थव्यवस्था में तेजी और रिवाइवल" के लिए कई सरकारी पहलें शुरू की गई हैं, जैसे "आत्मनिर्भर भारत अभियान" जिसका उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिर करना और विकास को बढ़ावा देना है। इसके तहत, विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करने का प्रावधान है, जैसे कि बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा, और टेक्नोलॉजी।

सरकारी पहल:

  1. आत्मनिर्भर भारत अभियान: भारत सरकार ने "आत्मनिर्भर भारत अभियान" की शुरुआत की है, जिसका मुख्य उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था को तेजी से विकसित करना है।

  2. विशेष योजनाएं: सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों के लिए विशेष योजनाएं बनाई है जैसे कि "मेक इन इंडिया," "बिजली क्रांति," और "स्वच्छ भारत अभियान" जो अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए निर्दिष्ट उद्देश्यों के साथ हैं।

  3. निवेश और बदलाव: सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करने के लिए नीतियाँ बनाई है और निवेशकों को समर्थन प्रदान करने के उपायों का पालन किया है। 

    नीतियां और सुधार: सरकार ने नीतियों में परिवर्तन करने का प्रयास किया है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, और नए विचारों की समीक्षा की जाती है।

"अर्थव्यवस्था में तेजी और रिवाइवल" का उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था को समृद्धि की ओर बढ़ाना है और उसको बड़े पैमाने पर बढ़ावा देना है।

 

Here are some more Indian government initiatives related to "अर्थव्यवस्था में तेजी और रिवाइवल" (Economic Growth and Revival):

  1. नया भारतीय उद्यमिता अभियान (Startup India): सरकार द्वारा शुरू किया गया यह अभियान नए उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए है। इसका मुख्य उद्देश्य नए विचारों और उद्यमों को समर्थन प्रदान करना है, जिससे नए व्यवसायों का निर्माण हो सके।

  2. मुद्रा योजना: सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना के तहत, छोटे और मध्यम उद्यमियों को सस्ते और सशक्तिकरण करने के लिए ऋण प्रदान किया जाता है। यह उद्यमिता को प्रोत्साहित करता है और अधिक नौकरियों के स्रोत खोजने में मदद करता है।

  3. प्रधानमंत्री रोजगार योजना (PM Employment Generation Programme): इस योजना के तहत, सरकार द्वारा ऋण प्रदान किया जाता है जिसका उद्देश्य छोटे और मध्यम उद्यमों को प्रोत्साहित करना और नौकरियों के स्रोत पैदा करना है।

  4. प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY): यह योजना सस्ता जीवन बीमा प्रदान करके लोगों की आर्थिक सुरक्षा में मदद करती है, जिससे वाणिज्यिक गतिविधियों को समर्थन मिलता है।

  5. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY): यह योजना छोटे व्यापारी, किसानों, और व्यक्तिगत उद्यमियों को उपाधाय ऋण प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई है, जिससे उन्हें अपने उद्यम को बढ़ाने के लिए पूंजी प्राप्त करने में मदद मिलती है।

इन सरकारी पहलों का उद्देश्य है अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाना और उसे बढ़ावा देना, जिससे अधिक विकास और वृद्धि की दिशा में कदम बढ़ाया जा सके।

उदाहरण:

  1. COVID-19 महामारी के परिणामस्वरूप: विश्वभर में COVID-19 महामारी के परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्थाओं पर भारी प्रभाव पड़ा। इससे जोड़े देशों ने अपनी अर्थव्यवस्थाओं को पुनर्जीवित करने के लिए अनेक उपाय अपनाए, जैसे कि आर्थिक योजनाएं, आर्थिक संचालन के नियमों में परिवर्तन, और नौकरियों के नए स्रोत खोजने का प्रयास किया।

  2. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व में नीतियां: भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी और रिवाइवल के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) जैसे मुख्य आर्थिक संचालन संस्थान ने विभिन्न नीतियां अपनाई हैं, जैसे कि ब्याज दरों में कटौती, वित्तीय संचालन की मजबूती, और आर्थिक विकास के लिए आवश्यक उपायों की प्रोत्साहना करती है।


महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप

 

"महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप" (Women Self-Help Group) एक सामुहिक वित्तीय और सामाजिक पहल है जो मुख्य रूप से महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक स्वायत्तता को बढ़ावा देने के लिए उनके साथियों के साथ एक साथ काम करने के आधार पर आधारित है। इस प्रमुख उद्देश्यों में से कुछ निम्नलिखित हैं:

  1. आर्थिक स्वायत्तता: महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप्स का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। ये ग्रुप्स अपने सदस्यों के बीच सामूहिक बचत और ऋण व्यवस्था का प्रबंधन करते हैं, जिससे उन्हें ऋण प्राप्त करने और व्यापार करने के लिए संकट से बाहर निकलने का अवसर मिलता है।

  2. सामाजिक सहमति: महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप्स महिलाओं को सामाजिक रूप से भी मजबूत करते हैं। ये ग्रुप्स बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, और औद्योगिक ज्ञान में सामूहिक समर्थन प्रदान करते हैं.

  3. कौशल विकास: महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप्स अपने सदस्यों को कौशल और प्रशिक्षण प्रदान करते हैं ताकि वे अधिक आर्थिक और सामाजिक स्वायत्तता प्राप्त कर सकें।

  4. उद्यमिता की संवेदनशीलता: ये ग्रुप्स महिलाओं की उद्यमिता और उत्पादकता को प्रोत्साहित करते हैं, जिससे वे विभिन्न व्यापारिक या व्यवसायिक गतिविधियों में सफलता प्राप्त कर सकें।

     

    उदाहरण: भारत में, "सेल्फ हेल्प ग्रुप्स" का प्रचलन बहुत व्यापक है। इन ग्रुप्स के तहत, समूह के सदस्य नियमित रूप से मिलकर बचत करते हैं  

    "महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप" (Women Self-Help Groups) एक सामाजिक और आर्थिक सुधार की पहल है जो महिलाओं को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने का पथ प्रदान करती है। यह ग्रुप महिलाओं के बीच एक सामूहिक संगठन होता है जिसका मुख्य उद्देश्य उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार करना है। यह पहल भारत के गांवों और शहरों में समाज में महिलाओं की बढ़ती हुई भूमिका को मजबूती से बनाए रखने का प्रयास करती है।

    महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप के लाभ:

  5. आत्मनिर्भरता की संभावना: महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप्स महिलाओं को विभिन्न आत्मनिर्भरता के प्रोजेक्ट्स के लिए उत्साहित करते हैं जैसे कि बुनाई, रसोई उपयोगिता, किसानी, बाल विकास इत्यादि।

  6. आर्थिक समृद्धि: इन ग्रुप्स के माध्यम से महिलाएं अधिक उत्पादन कर सकती हैं और अधिक आर्थिक वृद्धि की संभावना होती है।

  7. सामाजिक सशक्तिकरण: यह ग्रुप्स महिलाओं को समाज में समाजिक रूप से सशक्त करने का माध्यम प्रदान करते हैं, जिससे वह अपने अधिकारों की रक्षा कर सकती हैं।

  8. स्वास्थ्य और शिक्षा: इन ग्रुप्स के माध्यम से सामाजिक संजाल के माध्यम से स्वास्थ्य और शिक्षा संक्रमित हो सकती है।

  9. क्रियाशीलता और विकास: महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के माध्यम से नई क्रियाशीलता विकसित की जा सकती है और उन्हें विकसित करने के लिए सहायता प्रदान की जा सकती है।

भारतीय उदाहरण:

  1. सेल्फ हेल्प ग्रुप (SHG) योजना: भारत सरकार ने महिलाओं के लिए "सेल्फ हेल्प ग्रुप (SHG)" योजना शुरू की है, जिसमें समृद्धि से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों के लिए महिला समूहों को सहायता और प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। इन SHGs के माध्यम से, महिलाएं स्वावलंबी होने के लिए अपने व्यवसायों की शुरुआत करती हैं और आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनती हैं.

  2. कुड्डालुर महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप: तमिलनाडु के कुड्डालुर जिले में महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के माध्यम से कई महिलाएं अच्छी तरह से प्रशिक्षित हो रही हैं और अपने कौशलों का उपयोग करने के लिए उद्यमन हो रही हैं

नए प्रकार के वेल्थ क्रेटर

 

"नए प्रकार के वेल्थ क्रेटर" एक उद्यमिता और विकास की पहल है जो भारत में समृद्धि और रोजगार के लिए नए विचारों और उद्यमिता की प्रोत्साहना करने के लिए शुरू की गई है। इस पहल का मुख्य लक्ष्य नई और नवीनतम विचारों, तकनीकों, और विपणि योजनाओं के माध्यम से नए उद्यमिता के अवसर प्रदान करना है, जिससे नयी पीढ़ी के उद्यमिता क्रेटर्स को संजीवनी मिल सके और वह स्वयं निर्मित रोजगार के स्रोत बन सकें।

सरकारी पहल:

  1. विकासीय योजनाएं और अनुदान: सरकार नए विचारों और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए विकासीय योजनाएं बना रही है जिनमें आवश्यक अनुदान प्रदान किया जा रहा है।

  2. संस्थागत समर्थन: सरकारी संस्थान और विभाग विकासशील उद्यमिता को समर्थन प्रदान करने के लिए अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

  3. बैंक ऋण योजनाएं: सरकार बैंकों के माध्यम से व्यापक ऋण योजनाएं प्रदान कर रही है, जिससे नए उद्यमिता को आरंभिक पूंजी प्राप्त करने में सहायता मिल सके।

  4. शिक्षा और प्रशासनिक समर्थन: सरकार विशेषज्ञता प्राप्त करने और उद्यमिता की शिक्षा के लिए शिक्षा और प्रशासनिक समर्थन प्रदान कर रही है।

  5. रिसर्च और विकास: सरकार नई तकनीकों और विचारों के लिए रिसर्च और विकास के क्षेत्र में निवेश कर रही है जिससे नए उद्यमिता नई प्रौद्योगिकियों का उपयोग कर सकें।

  6. न्यायिक संरचना: सरकार न्यायिक संरचना में विशेष उद्यमिता की जरूरतों को समझते हुए विचार कर रही है जिससे नए वेल्थ क्रेटर्स को न्याय मिल सके।

इस पहल का मुख्य उद्देश्य यह है कि नवीनतम विचारों, तकनीकों, और उद्यमिता की प्रोत्साहना की जाए जिससे नए पीढ़ी के वेल्थ क्रेटर्स विकसित हो सकें और उन्हें समृद्धि की ओर ले जाने का साहस मिले।

मिशन कर्मयोगी


मिशन कर्मयोगी (Mission Karmayogi) भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है जिसका उद्देश्य सरकारी सेवकों के कार्यशैली में सुधार और उनकी प्रशासनिक योग्यता को बढ़ावा देना है। इस पहल का लक्ष्य सरकारी कर्मचारियों को नई और अद्यतित प्रौद्योगिकियों, कौशलों, और प्रशासनिक मानकों के साथ परिचित कराना है ताकि वे संगठन की क्षमता में सुधार कर सकें।

मिशन कर्मयोगी की मुख्य बातें:

  1. कार्यशैली में सुधार: मिशन कर्मयोगी का मुख्य उद्देश्य सरकारी सेवकों की कार्यशैली में सुधार करना है। इसे संगठन में प्रशासनिक क्षमता और नौकरी संपन्नता की सुनिश्चितता के साथ लागू किया जाएगा।

  2. कौशल विकास: मिशन कर्मयोगी के अंतर्गत सरकारी सेवकों के लिए नए कौशलों की शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा ताकि वे अपनी कार्यशैली में सुधार कर सकें।

  3. आत्मनिर्भरता और सम्पन्नता: सरकारी सेवकों को नई प्रौद्योगिकियों और संगठन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

  4. प्रशासनिक सुधार: सरकारी संगठनों में प्रशासनिक क्षमता में सुधार करने के लिए मिशन कर्मयोगी सरकारी सेवकों को नए और प्रभावी तरीके से प्रशासनिक कार्यों को संपन्न करना सिखाएगा।

  5. प्रशासनिक सुधार के लिए नेतृत्व: मिशन कर्मयोगी उन सरकारी सेवकों को प्रोत्साहित करेगा जो प्रशासनिक क्षमता में नेतृत्व दिखाते हैं और संगठन में प्रशासनिक सुधार की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं।

सरकारी पहल:

  1. अनुसंधान और विकास: सरकार अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में निवेश करेगी ताकि सरकारी सेवकों को नवीनतम प्रौद्योगिकियों और शैलियों से अवगत किया जा सके।

  2. प्रशासनिक शिक्षा: सरकार सरकारी सेवकों के लिए प्रशासनिक शिक्षा के क्षेत्र में प्रशासनिक प्रशिक्षण की प्राधिकृता बढ़ाएगी।

  3. कौशल विकास: सरकारी सेवकों के लिए नए कौशल और प्रौद्योगिकी में प्रशिक्षण की योजनाएं बनाएगी ताकि वे अपने कार्य में अधिक प्रशासनिक समर्पण कर सकें।

मिशन कर्मयोगी के माध्यम से, सरकार भारतीय सरकारी सेवकों के प्रशासनिक क्षमता और कौशल को बढ़ावा देने के लिए एक अद्यतित और प्रभावी तरीके से काम कर रही है। इसके माध्यम से सरकारी सेवक और संगठन दोनों के लिए लाभकारी बदलाव किए जा रहे हैं।

देश के सभी सैनिक स्कुलो को देश की बेटियों के लिए खोल दिया जाएगा।

"देश के सभी सैनिक स्कूलों को देश की बेटियों के लिए खोला जाएगा" यह एक महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक कदम है जो भारत में शिक्षा के क्षेत्र में सामाजिक समानता और लिंग समानता की दिशा में बदलाव लाने का प्रयास कर रहा है। यह कदम बेटियों को ज्यादा शिक्षा के अवसर प्रदान करने और उन्हें संज्ञान में लेने का भी प्रयास है।

क्यों खोले जा रहे हैं सैनिक स्कूल बेटियों के लिए:

  1. शिक्षा के समान अवसर: इस कदम से भारत की बेटियों को सैनिक स्कूलों की तरह की उच्च शिक्षा के समान अवसर मिलेंगे।

  2. समाज में समानता: यह पहल लिंग समानता और समाज में समानता की भावना को बढ़ावा देगा। बेटियों को सैनिक शिक्षा के क्षेत्र में पहुंच देना इन्हें समाज में और भी सम्मान और स्वावलंबी बनाएगा।

  3. नेतृत्व के अवसर: सैनिक स्कूल बेटियों को नेतृत्व की शिक्षा प्रदान करेंगे, जिससे वे समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेंगी।

  4. राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान: समाज में और अधिक महिला नेतृत्व का विकास होगा, जिससे वे राष्ट्रीय सुरक्षा में भी योगदान कर सकेंगी।

सरकारी पहल:

  1. स्कूलों की स्थापना: सरकार समाज में लिंग समानता की भावना के साथ सैनिक स्कूलों की स्थापना करेगी जो केवल बेटियों के लिए होंगे।

  2. शिक्षा में सुधार: सैनिक स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए सरकार संवेदनशील होगी और विशेष ध्यान देगी।

  3. विशेष योजनाएं: सरकार स्कूलों की विशेष योजनाएं बनाएगी जिनमें बेटियों को शिक्षा के क्षेत्र में उच्चतम स्तर की शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।

  4. वित्तीय सहायता: सरकार स्कूलों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी ताकि वह शिक्षा के क्षेत्र में उच्चतम मानकों को पारित कर सकें।

इस पहल का मुख्य उद्देश्य है कि भारतीय बेटियों को शिक्षा के क्षेत्र में अधिक अवसर प्रदान किया जाए और समाज में समानता की भावना को बढ़ावा दिया जाए।

ताली बजाकर पदकवीरों का सम्मान - ओलिंपिक

 

"ताली बजाकर पदकवीरों का सम्मान - ओलिंपिक" एक पहल है जिसका मुख्य उद्देश्य भारतीय ओलिंपिक पदकवीरों को सम्मानित करना है और उनके योगदान को मान्यता देना है। यह पहल भारत के ओलिंपिक विजेताओं के प्रति समर्पित है जो अपने देश के लिए स्वर्ण, चांदी और कांस्य पदक जीतने में सफल रहे हैं।

इस पहल के महत्वपूर्ण पहलुओं की चर्चा निम्नलिखित है:

  1. पदकवीरों के सम्मान: यह पहल प्रमुख रूप से भारतीय ओलिंपिक पदकवीरों के सम्मान को बढ़ावा देने का कार्य करती है, और उन्हें उनके योगदान की महत्वपूर्ण भूमिका के लिए मान्यता देती है।

  2. सभायोजन और समारोह: सभायोजन और समारोहों का आयोजन किया जाता है जिनमें पदकवीरों को मान्यता और सम्मानित किया जाता है। इन समारोहों में विभिन्न सरकारी और अनुषांसिक अधिकारियों का भागीदारी होती है।

  3. फाइल्म्स और डोक्यूमेंट्री: "ताली बजाकर पदकवीरों का सम्मान - ओलिंपिक" का अंश भी डोक्यूमेंट्री फिल्म्स और वीडियो निर्माण में होता है, जो पदकवीरों के जीवन और उनके प्रशंसा योग्य कार्यों को दिखाते हैं।

  4. शिक्षा और प्रेरणा: इस पहल के माध्यम से युवा पीढ़ी को प्रेरित किया जाता है, और उन्हें उनके पदकवीरों के साथ आदर्श बनने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

  5. सरकारी सहायता और स्कॉलरशिप: सरकार द्वारा पदकवीरों को वित्तीय सहायता और शिक्षा के क्षेत्र में स्कॉलरशिप प्रदान की जाती है ताकि उन्हें अपनी उच्च शिक्षा और खेल के क्षेत्र में साफलता प्राप्त करने में मदद मिले।

सरकारी पहल: भारतीय सरकार और राज्य सरकारें "ताली बजाकर पदकवीरों का सम्मान - ओलिंपिक" जैसी पहलों का समर्थन करती हैं और सम्प्रेरित करती हैं। यह समर्थन शामिल कर सकता है:

  1. आर्थिक सहायता: सरकार पदकवीरों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है ताकि वे अपनी प्रशिक्षा और खेल के लिए आवश्यक सामग्री को खरीद सकें।

  2. पारंपरिक सम्मान: पदकवीरों को भारत सरकार द्वारा पारंपरिक सम्मानों और पुरस्कारों से नवाजा जाता है।

  3. खेल संरचना: सरकार खेल संरचना में निवेश करती है और खिलाड़ियों के प्रशिक्षण और अवसरों की प्राथमिकता देती है।

  4. समाजिक प्रमोशन: सरकार पदकवीरों के समाज में प्रमोशन और सामाजिक समर्थन की ओर कदम बढ़ाती है।

इन पहलों का मुख्य उद्देश्य है कि भारतीय ओलिंपिक पदकवीरों के योगदान को समर्थन और सम्मान देना, ताकि वे और अधिक प्रेरणा दे सकें और खेल क्षेत्र में और भी उत्कृष्टी प्राप्त कर सकें।

 

 

जीवन को आगे बढ़ाने में प्रभावी माध्यम- खेल 

  1. शारीरिक स्वास्थ्य: खेलने से शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह शारीरिक शक्ति, सहनशीलता, और संरचनात्मक रूप से विकसित होने में मदद करता है।

  2. मानसिक स्वास्थ्य: खेलने से मानसिक तनाव कम होता है और मानसिक शक्ति में वृद्धि होती है। यह आत्म-संवाद, स्वागत के रूप में खुशियाँ, और स्वानुभव की भावना पैदा करता है।

  3. सामूहिक साक्षरता और टीम स्पिरिट: खेलने से टीम स्पिरिट और सहयोगी भावना विकसित होती है। यह सामूहिक साक्षरता, समर्पण, और उत्तरदायित्व की भावना पैदा करता है।

  4. नियमितता और समर्पण: खेलने की अभ्यास नियमितता और समर्पण की भावना को प्रोत्साहित करता है। खिलाड़ियों को अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए मेहनत करने की क्षमता मिलती है।

  5. नेतृत्व और निर्णय साहस: खेलने से नेतृत्व की कौशलता और निर्णय साहस में सुधार होता है। खिलाड़ियाँ अनुभवों से सीखकर मुश्किल परिस्थितियों का समाधान निकालना सीखती हैं।

  6. स्वास्थ्यपूर्ण आदतें: खेलने से स्वास्थ्यपूर्ण आदतें विकसित होती हैं, जैसे कि नियमित व्यायाम करना, सही खानपान करना, और विश्राम पर्याप्त मिलना।

  7. स्वयं-साक्षरता: खेलने से खिलाड़ियाँ अपनी स्वयं-साक्षरता की ओर बढ़ती हैं। वे नए कौशल सिखने के लिए संकल्पित रहती हैं और स्वयं को सीमित करने की सीमाओं को पार करती हैं।

इन सभी कारणों से खेल जीवन को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, और यह व्यक्ति के आदर्श स्वास्थ्य, मानसिक विकास, और सामाजिक समृद्धि की प्रोत्साहना करता है।

 

जीवन में संपूर्णता के लिए खेलकूद बहुत आवश्यक

can do पीढ़ी भारत

 

"Can Do पीढ़ी भारत" एक ऐसी पहल है जो भारतीय युवा पीढ़ी को सक्षम बनाने और उन्हें आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भागीदार बनाने के लिए है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को नौकरी नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बनाना है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को सशक्त और सुस्त बनाने में मदद मिले।

यहां "Can Do पीढ़ी भारत" पहल के महत्वपूर्ण पहलु हैं:

  1. नौकरी से आत्मनिर्भरता: "Can Do पीढ़ी भारत" का मुख्य फोकस युवा पीढ़ी को नौकरी खोजने की बजाय उन्हें नौकरी देने वाले बनाने पर है। इसका मकसद युवाओं को उद्यमिता और उद्योगिता की दिशा में मार्गदर्शन करना है ताकि वे खुद का व्यवसाय कर सकें और अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्वावलम्बी बन सकें।

  2. व्यवसायिक योजनाएं और उपाय: इस पहल के तहत, युवाओं को व्यवसायिक योजनाएं तैयार करने में मदद की जाती है, जिनमें उनके उद्योग की आरंभिक चरण, वित्तीय प्रबंधन, विपणन और विपणी के उपाय शामिल होते हैं।

  3. प्रशिक्षण और उपस्किलिंग: युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण और उपस्किलिंग का मौका दिया जाता है ताकि वे व्यवसाय में समर्थ हो सकें और अधिक आवश्यक योग्यता प्राप्त कर सकें।

  4. वित्तीय सहायता: युवाओं को उनके उद्योग में निवेश के लिए वित्तीय सहायता और ऋण की पहुंच दी जाती है ताकि उन्हें अपने व्यवसाय को शुरू करने के लिए आरंभिक पूंजी मिले।

  5. सरकारी योजनाएं: "Can Do पीढ़ी भारत" के तहत सरकारी योजनाएं शामिल होती हैं जो युवाओं को उद्यमिता के क्षेत्र में सक्षम बनाने के लिए विभिन्न उपायों का समर्थन करती हैं।

  6. उद्योगों के साथ साझेदारी: युवाओं को उद्योगों के साथ साझेदारी के अवसर प्रदान किए जाते हैं, जो उन्हें व्यवसाय में प्रारंभ करने के लिए संभावना देते हैं।

"Can Do पीढ़ी भारत" का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को आत्मनिर्भरता, उद्यमिता, और स्वावलम्बी बनाने के माध्यम से भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में सहायक होना है। यह पहल उन्हें नौकरी की तलाश में नहीं, बल्कि नौकरी देने वालों के रूप में विचार करने के लिए प्रोत्साहित करती है, जो अपने उद्यमिता और उद्योगिता के बजाय किसी को अपने प्रतिष्ठान के लिए सक्षम बनाने का साहस दिखाएं।

 

"CAN DO पीढ़ी भारत" एक पहल है जिसका उद्देश्य युवा पीढ़ी को उनकी क्षमताओं और पूरी सामर्थ्यशाली जीवन जीने की प्रेरणा देना है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य यह है कि भारतीय युवा पीढ़ी खुद को समर्पित करने के साथ-साथ उनकी सोच, दृष्टिकोण और नीतियों में सकारात्मक परिवर्तन लाएं।

"CAN DO पीढ़ी भारत" के तहत विभिन्न प्रकार की पहलियों, कार्यक्रमों और संवादों के माध्यम से युवा पीढ़ी को स्वयं को साबित करने का एक मंच मिलता है। इसके माध्यम से वे अपने अंदर छिपी पूरी सामर्थ्यशाली और सकारात्मक शक्तियों को पहचान सकते हैं और उन्हें समृद्धि और सफलता की दिशा में मार्गदर्शन करने के लिए उन्हें आत्मविश्वास मिलता है।

इस पहल के तहत, युवा पीढ़ी को नौकरी की जगह रोजगारी देने के बजाय, वे आगे बढ़कर आत्मनिर्भरता और उद्यमिता की दिशा में काम करते हैं। यह पहल युवाओं को उनके रूचिकर क्षेत्र में मार्गदर्शन करने, उनके नौकरी के निर्माण के लिए स्वायत्तता से काम करने, और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रोत्साहित करता है।

"CAN DO पीढ़ी भारत" एक ऐसी उपलब्धि है जो युवा पीढ़ी को उनकी सामर्थ्यशाली पोजिटिविटी और नेतृत्व की ओर प्रोत्साहित करने का प्रयास करती है, ताकि वे भविष्य में समृद्धि, सफलता, और सामाजिक परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ा सकें।

 

आज के युवाओं में ‘कैन डू’ की भावना है जो हर पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है: पीएम मोदी

 https://newsonair.com/hindi/2022/01/13/todays-youth-have-the-spirit-of-can-do-which-is-a-source-of-inspiration-for-every-generation-pm-modi/
 
पीएम मोदी ने युवाओं को देश की असल ताकत करार देते हुए बुधवार को कहा कि दुनिया आज हमारी ओर आशा और विश्वास की दृष्टि से देख रही है। उन्होंने वर्तमान युवा पीढ़ी की ‘कैन डू’ की भावना को समस्त देशवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया और कहा कि भारत आज जो कहता है, दुनिया उसे आने वाले कल की आवाज मानती है।
भारत की जनसंख्या युवा है और देश का मन भी युवा है।आज भारत के युवा में अगर श्रम का सामर्थ्य है, तो भविष्य की स्पष्टता भी है। इसीलिए, भारत आज जो कहता है, दुनिया उसे आने वाले कल की आवाज मानती है।
 
 
“भारत का जन भी युवा है, और भारत का मन भी युवा है। भारत अपने सामर्थ्य से भी युवा है, भारत अपने सपनों से भी युवा है। भारत अपने चिंतन से भी युवा है, भारत अपनी चेतना से भी युवा है।”
 

“मेरे सपनों का भारत” और “अनसंग हीरोज ऑफ इंडियन फ्रीडम मूवमेन्ट”

 

"मेरे सपनों का भारत" और "अनसंग हीरोज ऑफ इंडियन फ्रीडम मूवमेंट" दोनों भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित हैं।

  1. "मेरे सपनों का भारत" (My Vision of India):

    • "मेरे सपनों का भारत" भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान स्वतंत्रता सेनानी और भारतीय गोलमेडलिस्ट, डॉ. आ.पी.जे. अब्दुल कलाम के द्वारा लिखा गया था। यह उनके सपनों, आकांक्षाओं और भारत के भविष्य के बारे में एक विचारशील ग्रंथ है। डॉ. अब्दुल कलाम ने भारत के विकास के लिए अपने सपनों को साझा किया और भारतीय युवा पीढ़ियों को संजीवनी दुत के रूप में उनके सपनों की प्रेरणा दी।
  2. "अनसंग हीरोज ऑफ इंडियन फ्रीडम मूवमेंट" (Unsung Heroes of Indian Freedom Movement):

    • "अनसंग हीरोज ऑफ इंडियन फ्रीडम मूवमेंट" एक व्यापक माध्यम है जिसमें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अनसंग हीरोज, अर्थात् अप्रतिष्ठित और कम जाने जाने वाले स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी की महत्वपूर्ण कहानियों को साझा किया जाता है। यह प्रकल्प उन स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित है जिनके योगदान और बलिदान ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को मजबूती दी। इसका उद्देश्य युवा पीढ़ियों को उन संग्रामीयों की कहानियाँ सुनाना है जिनके योगदान को अक्सर नजरअंदाज किया जाता है।
ये दोनों विषय भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण पहलुओं और भारत के भविष्य के विकास के संदेश को बढ़ावा देते हैं,

 "अनसंग हीरोज ऑफ इंडियन फ्रीडम मूवमेंट" का मुख्य ध्यान वे व्यक्तियाँ हैं जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई,

  1. नाना साहेब पाटिल: नाना साहेब पाटिल ने महाराष्ट्र क्षेत्र में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ सांघर्ष किया।

  2. अच्युत पावर: अच्युत पावर ने विद्या मंदिर के आसपास आंदोलन का संचालन किया था और उन्होंने छत्तीसगढ़ क्षेत्र में स्वतंत्रता संग्राम का समर्थन किया।

  3. मदर टेरेसा: मदर टेरेसा एक सामाजिक कार्यकर्ता थी और उन्होंने भारतीय समाज की सेवा करने के लिए अपना जीवन समर्पित किया।

 

"अनसंग हीरोज ऑफ इंडियन फ्रीडम मूवमेंट" (Unsung Heroes of Indian Freedom Movement) is an initiative or project that aims to recognize and celebrate the often lesser-known or unrecognized heroes of the Indian Freedom Movement. It seeks to shed light on the stories of individuals who made significant contributions to India's struggle for independence but have not received the same level of recognition or acclaim as some of the more prominent figures of that era.

Here are some key aspects of this initiative:

  1. Recognition of Lesser-Known Freedom Fighters: The "Unsung Heroes of Indian Freedom Movement" project focuses on identifying and honoring the contributions of individuals who played vital roles in the fight for India's independence but have not been as widely acknowledged in history books and popular narratives.

  2. Documentation and Research: One of the primary objectives of this initiative is to conduct research and documentation to uncover the stories of these unsung heroes. This may involve collecting historical records, conducting interviews with descendants or witnesses, and studying lesser-known aspects of the freedom struggle.

  3. Educational Outreach: The project often includes educational components, such as creating educational materials, documentaries, exhibitions, and online resources to make these stories accessible to a broader audience, particularly students and the younger generation.

  4. Inspiration for the Youth: By highlighting the contributions of lesser-known freedom fighters, the initiative aims to inspire the youth and instill a sense of patriotism and respect for the sacrifices made by individuals from all walks of life during the freedom movement.

  5. Preservation of Cultural and Historical Heritage: Recognizing and documenting the stories of these unsung heroes helps preserve India's cultural and historical heritage and ensures that the sacrifices and efforts of all those involved in the freedom struggle are remembered.

Government Initiatives: The Indian government, as well as various state governments, have initiated and supported projects to recognize and celebrate unsung heroes of the Indian Freedom Movement. These initiatives may include:

  1. Awards and Honors: Governments may confer awards and honors posthumously or to descendants of these unsung heroes. These awards acknowledge their contributions to the nation's freedom.

  2. Financial Assistance: Financial support may be provided to descendants of these freedom fighters, helping them financially and ensuring their well-being.

  3. Museums and Memorials: The government may establish museums, memorials, or heritage centers dedicated to the unsung heroes, where their stories are showcased and preserved.

  4. Educational Curriculum: Unsung heroes' stories may be included in school and college curricula to ensure that students learn about their contributions.

  5. Public Awareness Campaigns: The government may launch awareness campaigns, both online and offline, to educate the public about these heroes' lives and achievements.

It's important to note that specific government initiatives and the level of support may vary from state to state in India. The goal of these initiatives is to ensure that the memory of these unsung heroes lives on and that their contributions to India's freedom movement are acknowledged and celebrated.

Cheapest flight offer searching

 Cheapest flight offer searching 

Summer Sale,
Holiday Sale with IndiGo,
Monsoon Sale, Early Monsoon Sale, Mega Monsoon Sale,
Fly Cheap This Monsoon,
 
Air India 2449 offer: Air India, now under the control of the Tata group, has launched discounted fares starting at Rs 2,449. The full-service carrier is also offering up to 70% off on all domestic and international routes in its business class.
 
Vistara 1999 offer: INR 1999 is the promotional one-way fare for Economy Class, INR 2799 is the promotional one-way fare for Premium Economy, and INR 10999 is the promotional one-way fare for Business Class. Seats under these fares would be 5% (approx.) of the inventory available for the travel period.
 

Air india express 1177 offer Air India Express launched its 'Time to Travel' offer that allows travellers to book air tickets starting at just ₹1,177 from May 29 until June 3. Travellers can avail the offer on tickets for travel up to September 30, 2024.

 

IndiGo 1199 offer Low-cost carrier IndiGo has announced its Hello Summer sale on domestic and international routes, offering fares starting at ₹1,199 all inclusive. The sale commenced on May 29 and will continue until May 31, 2024. It is applicable on travel from July 1 to September 30, 2024.

 

 

Air India  Flight Offer Singapore and Bangkok

 

 

 https://www.airindia.com/in/en/singapore-bangkok-sale.html


 

Finding the cheapest flight option can be a bit of a process, but there are several strategies and tools you can use to help you find the best deals. Here's a step-by-step guide:

  1. Use Flight Search Engines: Start by using flight search engines and aggregators. Popular ones include Google Flights, Skyscanner, Kayak, Expedia, and Momondo. These platforms allow you to compare prices from various airlines and travel agencies.

  2. Be Flexible with Dates and Destinations: If you can, be flexible with your travel dates and destinations. Use the search engines' flexible date and "everywhere" options to find the best deals. Sometimes, flying a day or two earlier or later can significantly reduce costs.

  3. Set Fare Alerts: Many flight search engines allow you to set fare alerts. You can input your desired destination and dates, and the platform will notify you when prices drop.

  4. Use Fare Comparison Websites: In addition to search engines, you can also use fare comparison websites like Hopper and Skiplagged to find hidden city flights or predict when flight prices are likely to drop.

  5. Book in Advance: Booking well in advance is often a way to secure lower prices, especially for popular routes and travel times. However, don't book too early, as airlines may not have released their cheapest fares yet.

  6. Consider Nearby Airports: Check if there are nearby airports to your destination. Flying to a different airport in the vicinity can sometimes save you money.

  7. Use Airline Miles and Points: If you have frequent flyer miles or credit card points, consider using them to reduce the cost of your flight.

  8. Browse in Incognito Mode: Some websites may track your search history and potentially increase prices if they see you're consistently searching for the same flight. Using your browser's incognito or private browsing mode can help prevent this.

  9. Check Budget Airlines: Look for budget airlines that may offer cheaper fares, but be sure to consider additional fees, baggage policies, and airport locations when comparing prices.

  10. Consider Layovers: Non-stop flights are often more convenient but can be more expensive. Consider flights with layovers, as they tend to be cheaper. Just be sure to check the total travel time and consider the hassle of layovers.

  11. Subscribe to Newsletters: Subscribe to airlines' newsletters and fare alert services to receive notifications about special promotions and discounts.

  12. Package Deals: Sometimes, booking a flight and hotel together as a package can save you money. Check if this option is available for your destination.

  13. Verify Currency Exchange Rates: If you're booking an international flight, be aware of exchange rates. Sometimes booking in a different currency can save you money.

  14. Check Student or Military Discounts: If you're a student or in the military, you might be eligible for special discounts. Verify with the airline or through a student or military travel agency.

  15. Negotiate by Phone: Occasionally, you can get a better deal by calling the airline directly and negotiating with a customer service representative.

Remember that flight prices can fluctuate frequently, so it's essential to be patient and keep searching until you find a deal that fits your budget. Additionally, consider the total cost of your trip, including baggage fees, transportation to and from the airport, and other expenses, to get a complete picture of your travel budget.

 


When searching for the cheapest domestic flight options, you can use a variety of keywords or search terms to find the best deals. Here are some useful keywords you can use when searching for domestic flights:

  1. "Cheap domestic flights"
  2. "Domestic flight deals"
  3. "Low-cost domestic flights"
  4. "Discounted domestic airfare"
  5. "Best airfare deals"
  6. "Domestic flight offers"
  7. "Budget domestic flights"
  8. "Economy class flights"
  9. "Last-minute domestic flight deals"
  10. "Weekend flight deals"
  11. "Red-eye flights" (overnight flights are often cheaper)
  12. "Round-trip discounts"
  13. "One-way flight specials"
  14. "Airfare promotions"
  15. "Airline flash sales"
  16. "Frequent flyer discounts"
  17. "Senior citizen flight discounts"
  18. "Student flight discounts"
  19. "Military and veteran flight discounts"
  20. "Family travel discounts"

These keywords can help you narrow down your search and find the best deals for domestic flights. Additionally, you can combine these keywords with the name of your departure or destination city or airport to further refine your search. For example, "Cheap domestic flights from New York to Los Angeles" or "Discounted domestic airfare to Chicago."

Key word search for cheapest domestic/ International flight

lowest fare domestic ticket fare flashsale
flash sale offers cheap domestic flight tickets
air india offers india
FlyAI Sale

January

#Air India
#air India sale
#Air India flight tickets
#Air India FlyAI Sale
#Fly Air India Sale

January

#AirAsia India
#AirAsia India Flash sale
#AirAsia India tickets
#AirAsia India flights
Flight Offers 2023,

December 22-25

IndiGo Sale - Lowest fares
SPOTLIGHT flight ticket
IndiGo announces sale - December 22-25

feb
Vistara kicks off flash sale with domestic flight tickets

Feb
IndiGo domestic sale, offers flight tickets

#flightsale #cheapflights #flighttok