हर देश की विकास यात्रा में एक समय ऐसा आता है जब देश खुद को नए सिरे से परिभाषित करता है। खुद को नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ाता है। भारत की विकास यात्रा में भी आज वो समय आ गया है। 75 वर्ष के अवसर को हमें एक समारोह भर ही सीमित नहीं करना है। हमने नए संकल्पों को आधार बनाना है। नए संकल्पों को लेकर के चल पड़ना है। यहां से शुरू होकर अगले 25 वर्ष की यात्रा जब हम आजादी की शताब्दी मनाएगें नए भारत के इस सृजन का ये अमृत काल है। इस अमृत काल में हमारे संकल्पों की सिद्धि, हमें आजादी के सौ वर्ष तक ले जाएगी। गौरवपूर्ण रूप से ले जाएगी।
No comments:
Post a Comment