Friday, August 6, 2021

डिजिटल सर्विस टैक्स

फ्रांस और ब्रिटेन समेत दुनिया के कई देश विदेशी डिजिटल सर्विस प्रोवाइडरों से डिजिटल सर्विस टैक्स (DST) वसूलते हैं। भारत ने भी विदेशी कंपनियों पर DST लगाना शुरू कर दिया है। भारत ने गैर भारतीय डिजिटल बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर सिर्फ 2% DST लगाया है। यह टैक्स उन कंपनियों पर लागू होगा, जिनका वार्षिक रेवेन्यू 2 करोड़ रुपए से अधिक है। जबकि इंडोनेशिया डिजिटल प्रोडक्ट्स एवं सेवाओं पर 10% डीएसटी वसूलता है। इटली 3%, स्पेन 3% और ब्रिटेन 2% DST वसूलता है। Ref: Dhanik bhaskar 

डिजिटल सर्विस टैक्स ऐसे राजस्व पर लागू होगा, जिसे अनिवासी डिजिटल सेवा प्रदाताओं द्वारा भारत में दी जाने वाली डिजिटल सेवाओं के माध्यम से अर्जित किया गया है। इन सेवाओं में डिजिटल प्लेटफाॅर्म सेवाएं, डिजिटल कंटेंट की बिक्री और डेटा से संबंधित सेवाएं आदि शामिल हैं।

डिजिटल सर्विस टैक्स को गूगल टैक्स (Google Tax) के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यह पहले केवल ऑनलाइन विज्ञापन सेवा तक ही सीमित था और Google, Facebook जैसी विदेशी टेक कंपनियां इसके दायरे में आती थीं। मार्च 2020 में सरकार ने इसके दायरे को बढ़ाते हुए विदेशी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म (E-Commerce Companies) समेत कई डिजिटल सेवाओं को भी इसमें शामिल कर दिया।

सरकार ने फैसला किया है कि विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों (Foreign E-Commerce Firms) की भारतीय शाखा के जरिए बेची गईं वस्तुओं, सेवाओं पर दो प्रतिशत का डिजिटल कर (Digital Tax) नहीं लगेगा, ताकि उन्हें बराबरी का मौका मुहैया कराया जा सके। वित्त विधेयक 2021 में संशोधन करके यह स्पष्ट किया गया है कि विदेशी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को दो प्रतिशत के डिजिटल कर का भुगतान नहीं करना पड़ेगा, यदि वे स्थाई रूप से यहां हैं या वे आयकर देते हैं। हालांकि, जो विदेशी कंपनी किसी तरह का कर नहीं देती हैं, उन्हें इसका भुगतान करना होगा।

DST मुख्य रूप से अमेरिकी कंपनियों पर लागू इसलिए प्रतीत होता है क्योंकि भारतीय डिजिटल बाजार में अमेरिकी मूल की कंपनियों का ही प्रभुत्व रहा है। इसके अतिरिक्त भारत में स्थायी निवास वाली किसी भी कंपनी को इसके दायरे से बाहर इसलिए रखा गया है क्योंकि ऐसी कंपनियां पहले से ही भारत के स्थानीय कर कानूनों के अधीन हैं।
Ref: Navbharat

यूएस ट्रेड रिप्रजेंटेटिव USTR द्वारा ‘यूएस ट्रेड एक्ट, 1974’ (US Trade Act, 1974) की धारा 301 के तहत एक जांच की गई। USTR की रिपोर्ट में कहा गया कि DST अमेरिकी व्यवसायों के खिलाफ भेदभावपूर्ण है क्योंकि विशेष रूप से भारत के घरेलू डिजिटल व्यवसायों को इसके दायरे से बाहर रखा गया है। साथ ही DST गैर-डिजिटल सेवा प्रदाताओं द्वारा प्रदान की जा रही समान सेवाओं तक विस्तारित नहीं है। USTR ने ऐसी 119 कंपनियों की पहचान की है, जो इस टैक्स के दायरे में आएंगी। इनमें से 86 यानी 72 फीसदी कंपनियां अमेरिका की हैं।
 कोरोना में लोगो पेरेंट्स की सैलरी आधी हो गई या जॉब ही नहीं रही , स्कूल ने टीचर की सैलरी आधी कर दी। कई टीचर्स को निकल दिया गया की करोना है ऑनलाइन क्लास चलनी है क्लासेज को मर्ज कर स्टाफ को कम कर दिया जाए पर स्कूल को वार्षिक फीस चाहिए स्कूल के सारे खर्चे खत्म पर फीस पूरी चाहिए

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