Monday, September 9, 2024

माउंटेन मैन दशरथ मांझी-कहानी

कहानी

माउंटेन मैन - दशरथ मांझी

माउंटेन मैन नाम सुनते ही हिमालय के उन अद्भुत और खतरनाक पर्वतों का आदर्श चेहरा मन के सामने उभर जाता है। यह उस वीर और अद्वितीय पर्वत गाइड है जिसने हजारों लोगों को हिमालयी पर्वत शिखरों की चोटियों तक पहुंचाया है। उनके अद्वितीय कर्म का सम्मान करते हुए, उनके बारे में और उनके जीवन के कुछ रोचक और प्रेरणादायक पहलूओं के बारे में यहाँ जानकारी दी गई है।

1. जीवन का परिचय:

दशरथ मांझी 1935 में जन्मे थे। वे भारतीय राज्य झारखंड के गिरिडीह जिले के एक छोटे से गाँव में जन्मे थे। उनका बचपन बहुत ही कठिन था और उन्हें बहुत संघर्ष के बाद ही एक मैदान मिला जिसने उन्हें वहाँ पहुंचाया जहाँ से उन्हें लोगों को पर्वत पर पहुंचाने का सफर शुरू हुआ।

2. माउंटेन मैन बनने का सफर:

दशरथ मांझी ने अपना पहला पर्वत दार्जीलिंग का सफर 11 वर्षीय था। उन्होंने फिर से नारायणपर्वत के लिए आवाज़ भी दी, और यहां से उनका सफर शुरू हुआ। पर्वतीय पर्वतारोहण और अद्वितीय नौकाओं का अनुभव देने वाले दशरथ मांझी ने विभिन्न हिमालयी पर्वत शिखरों की चोटियों को सफलतापूर्वक चढ़ाई किया। उन्होंने अन्य पर्वतारोहण कर्मियों के साथ मिलकर काम किया और अपने पर्वतारोहण कौशल में सुधार किया।

 

दशरथ माँझी को गहलौर पहाड़ काटकर रास्ता बनाने का जूनून तब सवार हुआ जब पहाड़ के दूसरे छोर पर लकड़ी काट रहे अपने पति के लिए खाना ले जाने के क्रम में उनकी पत्नी फाल्गुनी पहाड़ के दर्रे में गिर गयी और उनका निधन हो गया।

जब 1959 में एक पहाड़ से गिरने के कारण लगी चोट के कारण उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई और उसी पहाड़ के कारण समय पर पास के अस्पताल तक आसान पहुंच अवरुद्ध हो गई , तो उन्होंने 110 मीटर लंबी (360 फीट), 9.1 मीटर चौड़ी ( केवल एक हथौड़े और छेनी का उपयोग करके पहाड़ियों की एक चोटी के माध्यम से 30 फीट चौड़ा और 7.7 मीटर गहरा (25 फीट) रास्ता

 

3. उनका योगदान:

  • दशरथ मांझी ने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण यात्राएँ की। उन्होंने हजारों यात्रियों को हिमालय के पर्वत शिखरों तक पहुंचाया और उन्हें अनुभव करने का मौका दिया। उन्होंने विभिन्न यात्राओं में भाग लिया और अपनी प्राकृतिक पर्वतीय क्षमता को उनके साथ साझा किया। उनका सफर एक विश्वसनीय और प्रेरणादायक कहानी है जो हमें साहस, संघर्ष, और सफलता के महत्व को सिखाती है।

4. समापन:

दशरथ मांझी की कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में सफलता पाने के लिए आपको अपने सपनों के पीछे भागना पड़ता है। उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने के लिए कठिन परिश्रम, संघर्ष, और समर्पण की भावना दिखाई। उनका सफलतापूर्वक हिमालयी पर्वत शिखरों की चोटियों तक पहुंचने का सफर हमें यह बताता है कि किसी भी कठिनाई से निपटने के लिए हमें आत्म-विश्वास और दृढ़ संकल्प की आवश्यकता होती है। दशरथ मांझी एक साहसी और प्रेरणादायक व्यक्तित्व थे जिन्होंने हमें यह सिखाया कि किसी भी सपने को पूरा करने के लिए हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए।

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